Alone Status For Instagram
अधूरी ख़्वाहिश बनकर न रह जाना तुम ….दुबारा आने का इरादा नहीँ रखते हैं हम ,,,,,
वो मेरी मोहब्बत है, और मैं सिर्फ उसकी एक आदत ,,,,,
इश्क़ में इतनी बेपरवाहियाँ भी ठीक नही हैं , बात हम नही करते …तो तकल्लुफ तुम भी नही करते.,,,,,
बस एक बार , उलझना है तुमसे, बहुत कुछ , सुलझाने के लिये,,,,,
कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे, तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे,,,,,
इन् तरसती निग़ाहों का ख़्वाब है तू, आजा के बिन तेरे बहुत उदास हूँ मैं..,,,,,
अकेले कैसे रहा जाता है , कुछ लोग यही सिखाने हमारी जिंदगी मे आते है,,,,,
तुम क्या जानो हम अपने आप में कितने अकेले है , पूछो इन रातो से जो रोज़ कहती है के खुदा के लिए आज तो सो जाओ,,,,,
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है. ,,,,,
उसने कहा तुम सबसे अलग हो, सच कहा और कर दिया मुझे सबसे अलग,,,,,
बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था,,,,,
जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं,,,,,
वादा भी अजीब था , कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे मैंने भी ये नहीं पुछा की, मोहब्बत के साथ….. या यादों के साथ,,,,,
लोग कहते हैं जब कोई अपना दूर चला जाता है तो बड़ी तकलीफ होती है, पर ज्यादा तकलीफ तो तब होती है जब कोई अपना पास होकर भी दूरियाँ बना ले,,,,,
मुझे ये ❤ दिल कि बीमारी ना होती अगर तू इतनी #प्यारी ना होती,,,,,
कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियां …….दो कदम जाकर सौ कदम लौट आती हूँ,,,,,
कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़… ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया,,,,,
उदास छोड़ गया वो मुझको , खील उठता था मैं जिसके मुस्कुराने से .,,,,,
भी हम करें, इन्तजार भी हम, जताये भी हम और रोयें भी हम..,,,,,
ढूंढ़ रहा हु लेकिन नाकाम हु अभी तक, वो लम्हा जिस में तुम याद ना आये,,,,,,
मेरी कोशीश हमेशा ही नाकाम रही पहले तूझे पाने की और अब तुझे भुलाने की,,,,,
आज भी एक सवाल छिपा है.. दिल के किसी कोने मैं.. की क्या कमी रह गईथी तेरा होने में.,,,,,
कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता.. गुफ़्तगू किसी से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है.,,,,,
मिला क्या हमें सारी उम्र मोहब्बत करके, बस एक शायरी का हुनर, एक रातों का जागना,,,,,
मोत से तो दुनिया मरती हैं आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं,,,,,
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका, मोहब्बत चार दिन कि थी तो शौक कितने दिन का होगा,,,,,
दिल मेरा उसने ये कहकर वापस कर दिया… दुसरा दिजीए… ये तो टुटा हुआ है.,,,,,
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते.. लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता है,,,,,
काश वो भी आकर हम से कह देमैं भी तन्हाँ हूँ ,तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए,,,,,
दिल तो करता हैं की रूठ जाऊँ कभी बच्चों की तरह फिर सोचता हूँ कि मनाएगा कौन…,,,,,
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे…!! तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है,,,,,
तुम्हारे बिना रह तो सकती हूँ… मगर.. खुश नहीं रह सकती,,,,,
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी..पहले पागल किया.. फिर पागल कहा.. और फिर पागल समझ कर छोड़ दिया,,,,,
कैसे छोड दूं आखिर तुझसे मोहब्बत करना…तू मेरी किस्मत में ना सही.. दिल में तो है,,,,,
किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती ! जो लोग ♥ दिल में होते है ! वो किस्मत में नहीं होते,,,,,
अब तो मोहब्बत भी सरकारी नौकरी जैसी लगती है, कम्बख्त ग़रीबों को तो मिलती ही नहीं,,,,,
थोडा इंतजार कर ए दिल, उसे भी पता चल जाएगा की उसने खोया क्या है,,,,,
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी , जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे. ,,,,,
कितनी महँगी पड़ी मुझे मुस्कुराने की अदा, सब अकेला छोड़ गए मुझे ये कहकर क़ि तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो,,,,,
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है,,,,,
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता,,,,,
मोहबत के सफ़र में नींद ऐसी खो गई, हम न सोए रात थक कर सो गई.,,,,,
मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहबत कि है , ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे,,,,,
मेरी मोहबत की मजार तो आज भी वहीं है, बस तेरे ही सजदे की जगह बदल गई,,,,,
याद हैं हमको अपने तीनो गुनाह ! एक तो मोहबत कर ली, दूसरा तुमसे कर ली और तीसरा बेपनाह कर ली..,,,,,
बहुत याद आते हो तुम , दुआ करो मेरी यादाश्ति चली जाये,,,,,
जब मोहब्बत बे-पनाह हो जाये ना.. तोह फिर पनाह कही नही मिलती,,,,,
वो बोलते रहे, हम सुनते रहे – जबाब आँखों में था , वो लफ्जों मे ढूढते रहे,,,,,
कैसे गुज़र रही है सब पूछते है , कैसे गुजारता हु कोई नहीं पूछता ,,,,,
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की, लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं,,,,,
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”,,,,,
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे, मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो,,,,,
यूँ ही कितनी आसानी से पलट जाते है कुछ लोग,,,,,