
Alone Status in Hindi
फिर आ जाओ ज़िन्दगी में मैं फिर से जीना चाहती हूँ,,
होने दो जरा उन को भी तनहा…. याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे,,
मुद्दतें हो गईं हैं चुप रहते , कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते,,
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया,,
शिकायत जिन्दगी से नहीं , उनसे है जो जिन्दगी में नहीं है ,,
बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी …सिलती कुछ नहीं … बस चुभती चली जा रही है ,,
यहाँ तो खुद से ही मिले जमाना हो गया … और लोग कहते है कि हमें भूल गये हो तुम,,
छोड़ कर जाने वाले क्या जानें , यादों का बोझ कितना भारी होता है,,
गुजर तो जायेगी जिन्दगी उसके बगैर भी लेकिन तरसता रहेगा ये दिल प्यार करने वालो को देखकर,,
परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी,,
ख्वाहिश थी उस रिश्ते को बचाने की… और बस इक यही वजह थी मेरे हार जाने की,,
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया,,
चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है, और इंसानों की कीमत खोने के बाद,,
याद नहीं वो रूठा था या मैं रूठा था, साथ हमारा जरा सी बात पे छूटा था,,
मुझे किस तरफ जाना है कोई खबर नहीं…. ए-दोस्तों, मेरे रस्ते खो गए….. मेरी मोहोब्बत की तरह.,,
ज़िन्दगी का सबसे लम्बा सफर एक मन से दूसरे मन तक पहुँचना है…और इसी में सबसे ज्यादा समय लगता है,,
गजब का हमदर्द था मेरा, जो दर्द के सिवा कुछ दे ना सका,,,
काश वो भी आकर हम से कह दे , मैं भी तन्हाँ हूँ , तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए.,,,
रास्ते उसने बदले थे…मंज़िल मेरी बदल गई,,,
अब मुझे रास आ गई है तन्हाइयाँ… आप अपने वक़्त का अचार डाल लिजिये,,,
खो कर फिर तुम हमें पा ना सकोगे साहब हम वहाँ मिलेंगे जहाँ तुम आ ना सकोगे,,,
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते है,,,
जो लोग ज्यादा हस्ते है ना, अक्सर लोग उनके अंदर का दर्द समझ नहीं पाते है,,,
बनावटी रिश्तो से ज्यादा, सुकून देता है अकेलापन,,,
नहीं सुधर गया के बिगड़ गया, ये दिल अब किसी से बहस नहीं करता.,,,
अब शिकायतें नहीं होती किसी से, बस हल्का सा मुस्कुरा देता हूं.,,,
मैं उनका हूँ ये राज सब जानते हैं वो किसके हैं ये सवाल मुझे सोने नहीं देता,,,
अजीब खेल है ये मोहब्बत का किसी को हम न मिले कोई हमें ना मिला ,,,
काश तुम्हें भी पता होता, तुम्हारे बगैर दिन कितना बुरा गुजरता है,,,
वो वक़्त कुछ और था, वो इश्क़ का दौर था, ये वक़्त कुछ और है, ये ख्वाहिशों का दौर है,,,
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है,,,
कभी अकेले रह कर देखना, लफ़्जों से ज्यादा आँसू निकलते हैं,,,
सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं और, जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया ,,,
तू उदास मत हुआ कर इन हज़ारो के बीच आखिर चांद भी तो तन्हा है सितारों के बीच ,,,
बहुत लड़ी मैं तुमसे पर तुम्हारी यादों से हार गई,,,
कोई ठुकरा दे तो हसकर जी लेना, क्यूकि मोहब्बत की दुनिया में जबरदस्ती नहीं होती ,,,
ठोकर खाया हुआ दिल है साहब भीड़ से ज्यादा तन्हाई अच्छी लगती है,,,
सच कहा था किसी ने कि तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है,,,
ना साथ है किसी का, ना सहारा है कोई, ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई,,,
अजब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं,,,
तू उदास मत हुआ कर इन हज़ारो के बीच आखिर चांद भी तो तन्हा है सितारों के बीच,,,
मोहब्बत तोह आज भी करते है, लेकिन तू बे -खबर है, कल की तरह,,,
कितना खुश था कभी मैं खुद की ही दुनियाँ में ये गैरों की मोहब्बत ने मुझे तबाह कर दिया ,,,
कुछ वक़्त खामोश होकर भी देख लिया हमने, फिर मालूम हुआ कि लोग सच में भूल जाते है,,,
फैसला ! नहीं हो पा रहा, तनहा ! रात है या मै ,,,
मुलाकात बनकर मिला था मुझ से कोई बड़ी जल्दी गुजर गया वक़्त की तरह.,,,
अंदर तक तोड़ देते हैं, वो आंसू जो रात के अंधेरे में चुपचाप निकलते हैं,,,
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में,,,
जरुरी नहीं है कि काम से ही इंसान थक जाए कुछ ख्यालो का बोझ भी, इंसान को थका देता है,,,
भूल जाना तो जमाने की फितरत है, पर तुमने शुरुआत हमसे ही क्यों की,,,
कुछ भी झूठ हो सकता है, मगर अकेले में बहाए आँसू नहीं,,,
शुक्र है दिल सिर्फ धड़कता है, बोलता तो कयामत आ जाती.,,,
बहुत मन करता है हसने का, पर किसी की कमी रुला देती है,,,
एक खता रोज कर रहे हम, जो मिलेगा नहीं उसी पर मर रहे है हम.,,,
मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया,,,
हर रोज तेरी यादों का हिसाब कर लेता हूं, मैं थोड़ा हंस लेता हूं; थोड़ा रो लेता हूं मैं,,,
अगर किस्मत में लिखा है रोना, तो कोई मुस्कुराने पर भी आंसू निकल आते हैं,,,
वक़्त गूंगा नहीं, बस मौन हैं, वक़्त आने पर बता देता हैं की किसका कौन हैं,,,
दुनिया आज भी मेरी दीवानी है और एक हम है कि उनके इंतज़ार में तन्हा बैठे रहते है,,,
सच्ची महोब्बत करने वाले इंसान के नसीब में सिर्फ तन्हाई लिखी होती है,,,
ये जो रात को जागते है ना.. ये जानते है किसी को खोने का दर्द,,,
दुनिया में वो शख्स ही सबसे ज्यादा उदास रहता है, जो अपने से ज्यादा किसी और की फिकर करता है ,,,
कर दिया न फिर से तन्हा, कसम तो ऐसे दी थी जैसे तुम सिर्फ मेरे हो ,,,
अगर तुम कहो तो मैं खुद को भुला दूं, तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है ,,,
उस शख्स से बस इतना ताल्लुक है मेरा, की अगर वो परेशान हो तो नींद मुझे नहीं आती,,,
इश्क़ कभी झूठा नहीं होता, झूठे तो बस कसमे और वादे होते है ,,,
हमारे पास तो बस तेरी यादें है, ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो जिसके पास तू है,,,
याद रखना भी हिम्मत का काम है, क्यूंकि भूल जाना तो आजकल आम है,,,
दर्द सिर का हो या दिल का, दोनों बहुत बुरे होते है.,,,
कैसी है मुहब्बत तेरी महफिल में मिले तो अनजान कह दिया !! सन्हा जो मिले तो जान कह दिया,,,
पुछा किसी ने की याद आती है उसकी में मुस्कुराया और बोला तभी तो ज़िंदा हूँ.,,,
कि तुझसे दूरियां, कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं, पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है ,,,
में खतम हो ही गए, वो रिश्ते उन लोगों से जिन्हे मिलके ये लगा था, की ये लोग जिन्दगी भर साथ देंगे ,,,
साथ साथ धूमते है, हम दोनो रात भर..! लोग मुझे आवारा, और उसे चाँद कहते है,,,
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ सच बोलने का नशा और हम लावारिस हो गए,,,
मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना, बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने,,,
अनुभव कहता है, खामोशियाँ ही बेहतर है. शब्दो से लोग रूठते बहुत है,,,
हम खुद से बिछड़े हुये लोग हैं, तुमसे क्या मिल पायेंगे ,,,
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खुद से बात कर के खुद से ही झगड़ता हूँ, तुम्हारे जाने के बाद अंदर से कितना उलझता हूँ,,,
खुद से बातें करने लगी हूँ, वैसे भी आजकल लोग सुनते कहाँ हैं,,,
बेबसी किसे कहते है, कोई हमसे पूछे, उसका नम्बर तो है पर बात नही कर सकते..,,,
जबरदस्ती की नजदीकियों से सुकून की दूरियां ही अच्छी हैं.,,,
हालातों ने खो दी इस चेहरे की मुस्कान, वरना जहाँ बैठते थे रौनक ला दिया करते थे,,,
कितना खुश था कभी मैं खुद की ही दुनियाँ में….. ये गैरों की मोहब्बत ने मुझे तबाह कर दिया,,,
मुझे इन्तजार था कि तुम समझो मुझको तुमने समझा दिया कि बस इन्तज़ार करो,,,
कैसे कह देते हैं लोग रात गई बात गई, यहां जमाने गुज़र जाते हैं दिल पर लगी बात को भुलाने में ,,,
तन्हा रातें कुछ इस तरह से डराने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया.,,,
भीड़ तन्हाइयों का मेला है, यहाँ हर आदमी अकेला है,,,
किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती, जो लोग दिल में होते है, वो किस्मत में नहीं होते,,,
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी, जो लोग बात नहीं करते, वो प्यार क्या करेंगे,,,
कभी कभी नाराजगी, दूसरों से ज्यादा खुद से होती है,,,
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी, लोग तसल्लियाँ तो देते हैं, पर साथ नहीं,,,
सबको दिलासा देने वाला शख्स..अपने दुखों में हमेशा अकेला होता है,,,
तेरी आँखों👀से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने💧…तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने,,,
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ! लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो ,,,
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने,,,
जाने का कोई इरादा नहीं था, पर रुककर भी क्या करते, जब तू ही हमारा नहीं था,,,
मुसाफ़िर कल भी थी मुसाफ़िर आज भी है, कल अपनों की तलाश में थी आज अपनी तलाश में हूँ,,,
ज़िक्र करते है तेरा हवाओं से अब, ये तूफ़ान बनके तेरे शहर से गुज़रे तो माफ़ करना. ,,,
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के भीड़ में, वफ़ादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते है..,,,
नफ़रत की एक बात अच्छी लगी मुझे, ये मोहब्बत की तरह झूठी नहीं है साहब,,,
ख्वाब चुभते रहते है, आंखों में सारी रातभर, वो पूछते रहे वजह आँखो के लाल होने की ,,,
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया,,,
सवरने का तो सवाल ही नहीं उठता, हम तो बिखरे ही लाजवाब है,,,
आज परछाई से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ ,,उसने भी हँस के कहा, दूसरा कौन है तेरे साथ,,,
फ़ासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना, मुहब्बत बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती,,,
खोकर पता चलती है कीमत किसी की, पास अगर कोई हो तो एहसास कहाँ होता है,,,
कितना होशियार है मेरा यार.. तोहफे में घड़ी तो दे दी लेकिन वक़्त नहीं,,,
जिंदगी भर के लिये रूठ के जाने वाले, मैं अभी तक तेरी तस्वीर लिये बैठा हूँ.,,,
कई बार ये सोचके दिल मेरा रो देता है, की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया,,,
किस्सा बना दिया उन लोगों 🤵 ने भी मुझे जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताया करते थे,,,
अकेली रात बोलती बहुत है, लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो,,,
बड़ा अजीब ये दुनिया का मेला है, इतनी भीड़ में भी हमारा दिल अकेला है,,,
कभी सोचा नहीं था, वो भी मुझे तनहा कर जाएगी, जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी, मैं हूँ ना,,,
आज कल लोगो को अपना प्यार भी, Free_Time पर याद आता हैं ,,,
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हज़ार थे ,,,
उनकी जब मर्जी होती है तब हमसे बात करते हैं, और हम पागल पूरा दिन उनकी मर्जी का इंतज़ार करते हैं,,,
जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है,,,
अकेला रहता हूं क्योंकि अकेला हूं,,,
अकेली रात बोलती बहुत है लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो ,,,
हादसे कुछ जिंदगी में ऐसे हो गए, हम समंदर से ज्यादा गहरे हो गए.,,,
सबको माफ करके सोया करो जिंदगी कल की मोहताज नही होती.,,,
अक्सर वही बात रुलाती है, जिनके जवाब में हम कहते है “कोई बात नही,,,
बस कोशिश इतनी हैं कि, अब किसी से लगाव ना हो..,,,
बड़े महंगे पड़े मेरे रिश्ते मुझ पर, अपना अपना कहकर मेरी जिंदगी ले गए ,,,
वो एक कसम निभाने में डर गए और, हमे उसकी कसम देकर न जाने कितनो ने लूटा,,,
अब ये न पूछना की.. ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपना हाल सुनाता हूँ,,,
हिचकियां आती है तो पानी पी लेता हूँ, अब वो वहम छोड़ दिया है। कि कोई याद करता है..,,,
तेरे साथ को तरसे, तेरी बात को तरसे, तेरे होकर भी तेरी एक मुलाकात को तरसे.,,,
कमाल का सूकून है उस नींद में, जो बुरी तरह रोने के बाद आयी हो.,,,
तुमसे फांसले रखना ही बेहतर था, तुम्हारे करीब बहुत लोग थे,,,
न किसी से शिकायत न अनबन है, बस कुछ दिन अकेले चलने का मन है.,,,
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए, किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए,,,
वो अपने ही होते है, जो लफ़्जों से मार देते है,,,
आज इतना अकेला महसूस किया खुद को जैसे लोग दफना के चले गए हों.,,,
दुनिया में हर वो शख्स अकेला है जिसने सच्चे दिल से किसी को चाहा हो ,,,
हम साथ रहे या न रहे बस तुम खुश रहो इतना ही काफी है मेरे लिए ,,,
किसी और का हाथ कैसे थम लू कही वह तन्हा मिल गई तो क्या जवाब दुगा,,,
हिम्मत इतनी थी की समुन्दर भी पार कर सकते थे और मजबूर इतना हुए की दो बूँद आंसुओ ने डुबो दिया ,,,
ये शिकायत नहीं तजुर्बा है जनाब की कदर करने वालो की कोई कदर नहीं करता ,,,
किस्मत का भी कोई कसूर नहीं, कई बार हम मांग भी वो लेते हैं जो किसी और का होता है।,,,
आज़ाद कर दिया आज उस पंछी को, जिस में कभी मेरी जान होती थी,,,
तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा,,,
क्या बात है बड़े चुपचाप से बैठे हो कोई बात दिल पे लगी है या दिल कहीं लगा बैठे हो,,,
हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम देते है, हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते है,,,
बुरा नहीं हूँ मैं मेरी भी कुछ कहानी है, टूट चुका हूँ मैं, अपनो की मेहरबानी हैं,,,
चालाकी कहा मिलती है मुझे भी बताओ दोस्तों, हर कोई ठग लेता है जरा सा मीठा बोल कर,,,
शब्द …मन ..जज़्बात , एक एक करके सब खामोश हो गए,,,
अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है ,,,
कुछ खामोश कुछ गुमशुदा से हैं, हम आज तेरे बिन खुद से जुदा जुदा से हैं हम,,,,
अगर ख़ुशी मिलती है तुम्हे हम से जुदा होकर तोह दुआ है खुदा से की तुम्हे कभी हम न मिले,,,,,
माना कि तुझसे दूरियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है,,,,,
जब दिल गैरो मैं लग जाए तब अपनों मैं खामिया नजर आने लगती है,,,,,
काश तू लौट आये और कहे बस बहुत हो गया अब नहीं रहा जाता तेरे बिना,,,,,
सफर में कही तो दगा खा गए हम जहाँ से चले थे वही आ गए हम,,,,,
कुछ लोगो को कितना भी अपने बनाने की कोशिश कर लो वो साबित कर देते है कि वो गैर ही है,,,,,
वक़्त बहुत कुछ छीन लेता है खैर मेरी तो सिर्फ मुस्कुराहट थी,,,,,
मुझे “परखने ” में पूरी ज़िन्दगी लगा दी उसने काश कुछ वक़्त “समझने” में लगाया होता,,,,,
कभी मिले फुर्सत तो इतना जरुर बताना वो कौनसी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे ना दे सके,,,,,
यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है,,,,,
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की , हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की,,,,,
ये जो ज़िन्दगी है ना . तेरे बिन अधूरी है,,,,,
जितना मुश्किल किसी को पाना होता है…. उससे ज़्यादा मुश्किल उसे भुलाना होता है,,,,,
कभी कभी मेरा दिल करता है कि बैठकर इतना रोऊ कि रोते रोते ही मर जाऊ,,,,,
ज़िंदगी में प्यार क्या होता है ये उस शक्स से पूछो जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतज़ार किया हो,,,,,
सफर में कही तो दगा खा गए हम जहाँ से चले थे वही आ गए हम,,,,,
सफर में कही तो दगा खा गए हम जहाँ से चले थे वही आ गए हम,,,,,
उस हंसती हुई तस्वीर को क्या मालूम की कोई उसे देख कितने रोता है,,,,,
मैं क्यों पुकारू उसे कि लोट आओ उसे खबर नहीं कि कुछ नहीं मेरे पास उसके सिवाए.,,,,,
मुझे छोड़ने की वजह तो बता देते मुझसे नाराज़ थे या मुझ जैसे हज़ार थे,,,,,
सब कुछ ठीक ही चल रहा है ना जाने क्यों उदास हु मैं,,,,,
बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है,,,,,
काश तू सिर्फ मेरे होता या फिर मिला ही ना होता,,,,,
तुम पर सिर्फ मेरा हक़ है ऐसा कहने वाला ही अब साथ छोड़ गया,,,,,
एक घुटन सी होती है जीने में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं,,,,,
एक घुटन सी होती है जीने में जब कोई दिल में तो रहता है पर साथ नहीं,,,,,
कमाल करता है ऐ दिल तू भी उसे फुर्सत नहीं और तुझे चैन नहीं,,,,,
चले जाने दो उस बेवफ़ा को किसी और की बाहों में जो इतनी चाहत के बाद मेरा ना हुआ वो किसी और का क्या होगा,,,,,
मुझ से पहले भी उसका कोई था मेरे बाद भी उसका कोई है,,,,,
मैं मर भी जाऊँ तोह उसे खबर न देना कही वक़्त न बर्बाद हो जाये उसका,,,,,
एक ख़्वाब था की वह भी मुझे चाहे मेरी तरह पर ख़्वाब ही रह गया,,,,,
तुम भुला दो मुझे ये तुम्हारी अपनी हिम्मत है मगर मुझसे ये उम्मीद ज़िंदगी भर मत रखना,,,,,
जिनको जाना होता है वो चले ही जाते है किसी के रोने से उनको कोई फर्क नहीं पड़ता,,,,,
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ़ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते है तुझे,,,,,
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए,,,,,
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हे याद करते करते,,,,,
कितने शौक से छोड़ दिया तुमने बात करना जैसे सदियों से तेरे ऊपर कोई बोझ थे हम,,,,,
मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नही बस कोई था जिससे ये उम्मीद नही थी,,,,,
वक़्त पर ना जा वक़्त तो हर ज़ख्म की दावा है, आज तुमने हमे भुला दिया कल तुम्हे भी कोई भुला देगा,,,,,
सुना था हमने दर्द अक्सर बेदर्द लोग देते हैं मगर हमारी दुनिया उजाड़ी है एक मासूम चेहरे ने,,,,,
कोई तो कर रहा है मेरी कमी पूरी तभी मेरी याद उसे अब नहीं आती,,,,,
तुम हो तोह कुछ कमी नहीं …. तुम नहीं तोह कुछ नहीं .,,,,,
तेरे बिना जीना बोहोत मुश्किल है … और तुझे ये बताना और भी मुश्किल ,,,,,
कभी ये मत सोचना की याद नहीं करते , हम रात की आखिरी और सुबह की पहली सोच हो तुम,,,,,
थोड़ी जगह दे दे मुझे तेरे पास कहीं रह जाऊं मैं खामोशियाँ तेरी सुनु ओर दूर कहीं ना जाऊं मैं,,,,,
नींद आएगी तोह इस तरह सोयेंगे मुझे जगाने के लिया लोग रोयेंगे,,,,,
अकेले रहने का भी एक अलग सुकून हे | ना किसी के वापस आने की उम्मीद, ना किसी के छोड़ जाने का डर.,,,,,
मेरी मोहब्बत की कातिल मेरी ग़रीबी ठहरी उसे ले गए ऊँचे मकाँ वाले..,,,,,
छोड़ दिया अब हमनें उस बेवफा का इंतजार करना दोस्तों जब रात गुजर सकती है तो ज़िंदगी भी गुजर जाएगी,,,,,
कल तक थी जो जान, आज बन गयी अनजान.,,,,,
नसीब का सब खेल है वरना मोहब्बत तो हम भी दीवाने की तरह किये थे.,,,,,
शाम नहीं पर बात वही. तू नहीं तो तेरी याद सही.,,,,,
बस तेरी कामि है ए मौत, दिल वो ले गयी जान तू ले जा..,,,,,
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं तेरी खूबी है या तेरी कमी,,,,,
मरता था जिनके लिए वो अब मर गए है मेरे लिए.,,,,,
तुम चाहते तो निभा भी सकते थे, मगर तुमने ऐसा कभी चाहा ही नहीं.,,,,,
कितनी जल्दी फैसला कर लिया जाने का, एक मौका भी नहीं दिया मनाने का,,,,,
वो मन बना चुके थे दूर जाने का, हमे लगा हमे मनाना नहीं आता,,,,,
बेशक मोहब्बत ना कर पर बात तो कर, तेरा यु खामोश रहना बड़ी तकलीफ देता है..,,,,,
ऐ दिल तू क्यों रोता है , ये दुनिया है यहाँ ऐसा ही होता है.,,,,,
दिल धोखे में है और धोखेबाज़ दिल में,,,,,
बहुत कुछ पाने वाले बहुत कुछ खोया करते हैं , इस दुनिया में हस्सने वाले सबसे ज़्यादा रोया करते हैं,,,,,
खुश तो वो रहते हैं जो जिस्मो से खेलते हैं , रूह से मोहब्बत करने वालो को अक्सर तड़पते देखा है,,,,,
किसी रोज़ मिलने से प्यार हो या न हो लेकिन किसी रोज़ बात करने से उसकी आदत जरूर हो जाती है,,,,,
Alone Status For WhatsApp
दोबारा इश्क़ हुआ तो तुझसे हे होगा खफा हूँ मैं बेवफा नहीं,,,,,
रोज़ नहीं पर कभी कभी तो वो शख्स मुझे जरूर सोचता होगा,,,,,
शिकायत तो खुद से है तुम से तो आज भी इश्क़ है,,,,,
जाने कैसे हो जाते हैं लोग कभी इसके कभी उसके और फिर किसी और के,,,,,
वो शख्स एक छोटी सी बात पे यूँ चल दिया , जैसे उसे सदियों से किसी बहाने की तलाश थी ,,,,,
हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं साहब, कोई वक़्त पर लौटता नहीं हैं इसलिए घाटे मे है .,,,,,
उसको मालूम तो हैं मेरे हालातो के बारे मे, फिर खैरियत पूछकर मेरी मुश्किलें क्यों बढ़ाते हैं,,,,,
मोहब्बत नहीं है उसे मुझसे ये जानता हूँ मैं फिर भी ये बात कहाँ मानता हूँ मैं,,,,,
हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए , हम समुन्दर से भी गहरे हो गए,,,,,
कमाल करता है तू भी ए दिल उसे फुर्सत नहीं है और तुझे चैन नहीं,,,,,
लाख तेरे चाहने वाले होंगे मगर तुझे महसूस सिर्फ मैंने किया है,,,,,
मत पूछ कैसे गुजर रही है जिंदगी , उस दौर से गुजर रहा हूँ जो गुजरता ही नहीं है,,,,,
बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का, कि कभी-कभी तुम बिना बात के मुस्कुराओगे.,,,,,
जिसकी सजा तुम हो, मुझे ऐसा कोई गुनाह करना है.,,,,,
क्या कहें कुछ नहीं है कहने को, हाय क्या गम मिला है सहने को.,,,,,
खामोशियां बेवजह नहीं होती, कुछ दर्द आवाज छीन लिया करते हैं.,,,,,
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते हैं,,,,,
काम तो कुछ करती नहीं थक जाती हूँ बस तुम्हेे सोचते सोचते.,,,,,
किस_किस बात का गिला करें इस बेवफा जमाने मे, किसी ने दोस्ती छोडी , किसी ने दिल तोड़ा , किसी ने वादे तोड़े और , किसी ने तनहा छोड़ा,,,,,
उसका वादा भी अजीब था कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे मैंने भी ये नहीं पुछा की मोहब्बत के साथ या यादों के साथ,,,,,
जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम.,,,,,
किसी को क्या बताएं कितने मजबूर हैं हम , चाहा है एक तुम्हें और तुम्ही से दूर है हम,,,,,
अच्छे इंसान मतलबी नहीं होते, बस दूर हो जाते हैं, उन लोगों से जिन्हें उनकी कद्र नहीं होती.,,,,,
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी,,,,,
चलो बिखरने देते है जिंदगी को सँभालने की भी हद होती है,,,,,
यकीनन तुम्हें तलाशती हैं मेरी आंखें……..ये बात अलग है हम ज़ाहिर नहीं होने देते,,,,,
आज सारा दिन उदास गुजर गया, अभी रात की सजा बाकि है,,,,,
बदल दिया है मुझे मेरे चाहने वालो ने ही… वरना मुझ जैसे शख्स में इतनी खामोशी कहाँ थी,,,,,
दिल पर लग जाती है उन्हें अक्सर हमारी बातें , जो कहते थे तुम कुछ भी बोलो बुरा नहीं लगता.,,,,,
यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है,,,,,
आँखों में देखी जाती हैं.. प्यार की गहराईयाँ…शब्दों में तो छुप जाती हैं.. बहुत सी तन्हाईयाँ.,,,,,
डाल कर…आदत बेपनाह मोहब्बत की…अब वो कहते है…कि…समझा करो वक़्त नही है,,,,,
क्या गिला करें उन बातों से क्या शिक़वा करें उन रातों से कहें भला किसकी खता इसे हम कोई खेल गया फिर से जज़बातों से,,,,,
अच्छी लगती है ये खामोशियाँ भी अब हर किसी को जवाब देने का सिलसिला ख़त्म हो गया,,,,,
चुप रहना मेरी ताक़त है कमज़ोरी नहीं, अकेले रहना मेरी चाहत है,मजबूरी नहीं,,,,,
कुछ रुकी रुकी सी है ज़िन्दगी,कुछ चलते फिरते से है हम,,,,,
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है,नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है,,,,,
क्यों लगता है वो आसपास है जिसका दूर तक कोई सुराग नहीं,,,,,
सिर्फ़ उम्र ही नहीं कुछ हादसे भी तजुर्बे बेहिसाब दे जाते है,,,,,
बहुत कुछ लिखना है पर लफ्ज़ खामोश है,,,,,
तेरे दिल के बाजार में मै रोज़ बिकती हुं , कुछ लफ्ज़ तेरी यादों के हर रोज़ लिखती हुं,,,,,
जो होकर भी ना हो.. उसका होना कैसा… नाम के रिश्तों से शिकवा कैसा..रोना कैसा,,,,,
बड़ी कश्मोकश है इन दिनो ज़िन्दगी में…किसी को ढूंढते फिर रहे हैं हर किसी में.,,,,,
एक ख्याल ही तो हूँ मैं ..याद रह जाऊँ .. तो याद रखना ..वरना…सौ बहाने मिलेंगे …भूल जाना मुझे,,,,,
जो ज़ख़्म लगे हुए हैं दिल पर उनका मर्ज़ क्या होता है महफ़िल वालों तुम क्या जानो तन्हाई का दर्द क्या होता है,,,,,
ठोकर खाया हुआ दिल है…भीड से ज्यादा तन्हाई अच्छी लगती है,,,,,
सब ख़फ़ा है मेरे लहजे से…पर मेरे हाल से कोई रूबरू तक न हुआ,,,,,
निभा दिया उसने भी दस्तूर दुनिया का तो गिला कैसा पहचानता कौन है यहां मतलब निकल जाने के बाद,,,,,
रिश्ते और पतंग जितनी उँचाई पर होते हैं काटने वालो की संख्या उतनी अधिक होती हैं,,,,,
लफ्ज ढाई अक्षर ही थे…..कभी प्यार बन गए तो कभी जख्म.,,,,,
तेरी मुस्कान, तेरा लहज़ा, और तेरे मासूम से अल्फाज़..और क्या कहूँ… बस बहुत याद आते हो तुम,,,,,
कितने अनमोल होते हैं ये अपनों के रिश्ते कोई याद न करे तो भी इंतज़ार रहता है,,,,,
जिस्म तो फिर भी थक हार के सो जाता है….काश दिल का भी कोई बिस्तर होता.,,,,,
कुछ बुरी आदतें ता उम्र साथ नहीं छोड़ती….बस उन्हीं आदतों मे से एक है वो.,,,,,
रोज रोते रोज़ ये कहती है जिंदगी मुझसे, सिर्फ एक शख्स की खातिर यूँ मुझे बर्बाद ना कर,,,,,
मेरे ज़ज्बात की कदर ही कहाँ, सिर्फ इलज़ाम लगाना ही उनकी फितरत है,,,,,
उसका मिलना ही मुकद्दर में नहीं था वरना क्या क्या नहीं खोया उसे पाने के लिये,,,,,
दास्तां सुनाऊं और मज़ाक़ बन जाऊँ बेहतर है मुस्कुराऊं और ख़ामोश रह जाऊँ,,,,,
यकीनन मुझे तलाशती हैं तेरी आँखें….ये बात अलग है,, तुम ज़ाहिर नही होने देते…,,,,,
नुक्स निकालते है वो इस कदर हम मे , जैसे उन्हे खुदा चाहिए था और हम इंसान निकले ,,,,,
जिसे दिल मे जगह दी थी वो ही सब बर्बाद कर गया.,,,,,
लोग कहते है हम मुस्कराते बहुत है…और हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते,,,,,
यक़ीं न आए तो इक बार पूछ कर देखो जो हँस रहा है वो ज़ख़्मों से चूर निकलेगा,,,,,
हम उनसे तो लड़ लेंगे जो खुले आम दुश्मनी करते हैं… लेकिन उनका क्या करे जो लोग मुस्कुरा के दर्द देते हैं,,,,,
दर्द सिर का हो या दिल का..दोनों बहुत बुरे होते है,,,,,
मुझे इसलिए भी लोग कमज़ोर समझते है , मेरे पास ताक़त नहीं किसी का दिल तोड़ने की..,,,,,
“बात इतनी है के तुम बहुत दुर होते जा रहे हो… और हद ये है कि तुम ये मानते भी नही,,,,,
हर रोज़, हर वक़्त तुम्हारा ही ख्याल ना जाने किस कर्ज़ की किश्त हो तुम,,,,,
वो हाल भी ना पूछ सके…हमे..बे-हाल देख कर……हम हाल भी…ना बता सके… उसे खुश-हाल देख कर.,,,,,
किसी से कभी कोई उम्मीद मत रखो क्योंकि उम्मीद हमेशा दर्द देती है,,,,, ,,,,,
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं जब दिल भर जाता है तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं ,,,,,
आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं.. आंख बरसे तो क्या किया जाए,,,,,
यकीनन हो रही होंगी बैचेनियां तुम्हें भी , ये और बात है कि तुम नजरअंदाज कर रहे हो,,,,,
तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को, ना कोई काम करता है,ना कोई बात सुनता है,,,,,
ज़िन्दगी से भला क्या शिकायत करें बस जिसे चाहा उसने समझा ही नही,,,,,
साजिशों का पहरा होता है हर वक़्त रिश्ते भी बेचारे क्या करें, टूट जाते हैं बिखर कर,,,,,
कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए.. मै सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए,,,,,
मुस्कुराने की अब वजह याद नहीं रहती, पाला है बड़े नाज़ से मेरे गमों ने मुझे,,,,,
अब तो खुद को भी निखारा नहीं जाता मुझसे _वे भी क्या दिन थे कि तुमको भी संवारा हमने ,,,,,
एक सफर जहां फिरसे सब ‘शून्य’ से शुरू करना होगा,,,,,
रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते हैं…अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते हैं,,,,,
इस छोटी सी उम्र में कितना कुछ लिख दिया मैंने, उम्रें लग जायेंगी, तुम्हे मुझे पूरा पढ़ने में,,,,,
कभी सोचा न था की वो भी मुझे तनहा कर जायेगा!जो अक्सर परेशान देखकर कहता था…. मैं हूँ न,,,,,
जब रिश्ते ही दम तोड़ चुके हों…. तो फिर प्यार, इजहार,गलती का अहसास ,सही गलत कुछ भी मैटर नहीं करता,,,,,
कभी कभी नाराज़गी दूसरों से ज्यादा खुद से होती है ,,,,,
उस दिन चैन तो तुम्हारा भी उड़ेगा जिस दिन हम तुम्हे लिखना छोड़ देंगे ,,,,,
चाह कर भी पूछ नहीं सकते हाल उनका, डर है कहीं कह ना दे के ये हक तुम्हे किसने दिया,,,,,
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है ,हम तन्हाई में बैठे रोते है,लोगो ने हमे महफ़िल में हस्ते देखा है,,,,,
परछाई से पूछ ही लिया , क्यों चलते हो.. मेरे साथ..उसने भी हंसके कहा ,और कौन है…तेरे साथ,,,,,
उनका बादा भी अजीब था – बोले जिन्दगी भर साथ निभाएंगे ,पर पागल हम थे – ये पूछना भूल ही गए के मोहबत के साथ या यादो के साथ ,,,,,
भूल सा गया हैं बो मुझे , समज नहीं आ रहा की हम आम हो गए उनके लिए या कोई खास बन गया है,,,,,
जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने की चाहत मुझे आज भी हे,,,,,
उसकी मोहबत पे मेरा हक़ तो नहीं लेकिन ,दिल करता है के उम्र भर उसका इंतज़ार करू ,,,,,
Alone Shayari in Hindi
हजारो चेहरों में उसकी झलक मिली मुझको.. पर. दिल भी जिद पे अड़ा था कि अगर बो नहीं , तो उसके जैसा भी नहीं,,,,,
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में..की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया,,,,,
बहुत उदास हे कोई तेरे जाने से हो सके तो लौट आ किसी बहाने से, तू लाख खफा सही मगर एक बार तो देख ,कोइ टूट गया है तेरे रूठ जाने से,,,,,
पास आकर सभी दूर चले जाते है अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है इस दिल का दर्द दिखाए किसे मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है,,,,,
तन्हा रहना तो सीख लिया , पर खुश ना कभी रह पायेगे , तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा, पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे,,,,,
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..,,,,,
आज सोचा कि…. कुछ तेरे सिवा सोचूँ ..!!! .अभी तक इसी सोच में हूँ कि क्या सोचूँ .,,,,,
बहुत भीड हो गई है लोगों के दिलों में…इसलिए आजकल हम अकेले ही रहते हैं,,,,,
बस एक भूलने का हुनर ही तो नहीं आता…वरना भूलना तो हम भी बहुत कुछ चाहते हैं,,,,,
काश ये दिल बेजान होता…न किसी के आने से धडकता…न किसी के जाने से तडपता,,,,,
चैन से गुज़र रही थी ज़िन्दगी,और फिर तुम मिल गए,,,,,
दो पल भी नहीं गुज़रते तुम्हारे बिन,ये ज़िन्दगी ना जाने कैसे गुज़ारेंगे,,,,,
रात नई हैं,यादें पुरानी,,,,,
कितना भी मुश्किल क्यूँ न हो सफ़र जिंदगी का, मोहब्बत का साथ मिले तो आसानी से कट जाता है ,,,,,
न जख्म भरे…,न शराब सहारा हुई..न वो वापस लौटी… न मोहब्बत दोबारा हुई.,,,,,
उनको लगी खरोंच का पता पुरे शहर को है, हमारे गहरे जख्म की कहीं चर्चा तक नहीं ,,,,,
कहते थे मुझे डर है कहीं मैं खो न दूँ तुम्हे, सामना होने पर मैंने उन्हें चुपचाप गुजरते देखा है.,,,,,
कुछ नहीं लिखने को आज…. न बात , न ज़ज्बात,,,,,
हमें भी शौक था दरिया -ऐ इश्क में तैरने का, एक शख्स ने ऐसा डुबाया कि अभी तक किनारा न मिला.,,,,,
मालूम है मुझे की ये मुमकिन नहीं मगर एक आस सी रहती है कि तुम याद करोगे मुझें,,,,,
जुनून सवार था किसीके अंदर ज़िंदा रहने का….हुआ यूं के हम अपने अंदर ही मर गये,,,,,
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी जिंदगी, सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ,,,,,
तुमको भी कहाँ जरूरत है मेरी, तुम्हारे लिये तो मैं भी बिछड़ा हुआ जमाना हूँ.,,,,,
क्यों तुम खामोश हो गये..जी अब तक नहीं भरा था तेरी बातों से.,,,,,
समझ में ही नही आता कभी-कभी, ये सब क्या हो रहा जिंदगी में…बस.. चुप-चाप तमाशे देख रही हु जिंदगी के,,,,,
अब तो वक्त ही उसे बतायेगा, की कितने कीमती थे हम ,,,,,
याद तो रोज करते है उन्हें , पर उन्होने कभी महसूस ही न किया.. ,,,,,
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही,अब रातों को जागना अच्छा लगता है,,,,,
बिखरे पल,भीगी पलके और ये तन्हाई है…..कुछ सौगाते है जो मोहब्बत से कमाई है.,,,,,
माना की मरने वालों को भुला देतें है….सभी …मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावत ही बदल दी,,,,,
अधूरी ख़्वाहिश बनकर न रह जाना तुम ….दुबारा आने का इरादा नहीँ रखते हैं हम ,,,,,
वो मेरी मोहब्बत है, और मैं सिर्फ उसकी एक आदत ,,,,,
इश्क़ में इतनी बेपरवाहियाँ भी ठीक नही हैं , बात हम नही करते …तो तकल्लुफ तुम भी नही करते.,,,,,
बस एक बार , उलझना है तुमसे, बहुत कुछ , सुलझाने के लिये,,,,,
कोई पूछेगा तो सुबह का भूला कह देंगे, तुम आओ तो सही,हम शाम को सवेरा कह देंगे,,,,,
इन् तरसती निग़ाहों का ख़्वाब है तू, आजा के बिन तेरे बहुत उदास हूँ मैं..,,,,,
अकेले कैसे रहा जाता है , कुछ लोग यही सिखाने हमारी जिंदगी मे आते है,,,,,
तुम क्या जानो हम अपने आप में कितने अकेले है , पूछो इन रातो से जो रोज़ कहती है के खुदा के लिए आज तो सो जाओ,,,,,
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है. ,,,,,
उसने कहा तुम सबसे अलग हो, सच कहा और कर दिया मुझे सबसे अलग,,,,,
बिछड़ कर फिर मिलेंगे यकींन कितना था, था तो ख्वाब, मगर हसीन कितना था,,,,,
जिन्हें पता होता हैं। की अकेलापन क्या होता हैं । ऐसे लोग दुसरो के लिए । हमेशा हाज़िर रहते हैं,,,,,
वादा भी अजीब था , कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे मैंने भी ये नहीं पुछा की, मोहब्बत के साथ….. या यादों के साथ,,,,,
लोग कहते हैं जब कोई अपना दूर चला जाता है तो बड़ी तकलीफ होती है, पर ज्यादा तकलीफ तो तब होती है जब कोई अपना पास होकर भी दूरियाँ बना ले,,,,,
मुझे ये ❤ दिल कि बीमारी ना होती अगर तू इतनी #प्यारी ना होती,,,,,
कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियां …….दो कदम जाकर सौ कदम लौट आती हूँ,,,,,
कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़… ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया,,,,,
उदास छोड़ गया वो मुझको , खील उठता था मैं जिसके मुस्कुराने से .,,,,,
भी हम करें, इन्तजार भी हम, जताये भी हम और रोयें भी हम..,,,,,
ढूंढ़ रहा हु लेकिन नाकाम हु अभी तक, वो लम्हा जिस में तुम याद ना आये,,,,,,
मेरी कोशीश हमेशा ही नाकाम रही पहले तूझे पाने की और अब तुझे भुलाने की,,,,,
आज भी एक सवाल छिपा है.. दिल के किसी कोने मैं.. की क्या कमी रह गईथी तेरा होने में.,,,,,
कभी टूटा नहीं मेरे दिल से तेरी यादों का रिश्ता.. गुफ़्तगू किसी से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है.,,,,,
मिला क्या हमें सारी उम्र मोहब्बत करके, बस एक शायरी का हुनर, एक रातों का जागना,,,,,
मोत से तो दुनिया मरती हैं आशीक तो बस प्यार से ही मर जाता हैं,,,,,
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका, मोहब्बत चार दिन कि थी तो शौक कितने दिन का होगा,,,,,
दिल मेरा उसने ये कहकर वापस कर दिया… दुसरा दिजीए… ये तो टुटा हुआ है.,,,,,
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते.. लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र याद रहता है,,,,,
काश वो भी आकर हम से कह देमैं भी तन्हाँ हूँ ,तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए,,,,,
दिल तो करता हैं की रूठ जाऊँ कभी बच्चों की तरह फिर सोचता हूँ कि मनाएगा कौन…,,,,,
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे…!! तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है,,,,,
तुम्हारे बिना रह तो सकती हूँ… मगर.. खुश नहीं रह सकती,,,,,
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी..पहले पागल किया.. फिर पागल कहा.. और फिर पागल समझ कर छोड़ दिया,,,,,
कैसे छोड दूं आखिर तुझसे मोहब्बत करना…तू मेरी किस्मत में ना सही.. दिल में तो है,,,,,
किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती ! जो लोग ♥ दिल में होते है ! वो किस्मत में नहीं होते,,,,,
अब तो मोहब्बत भी सरकारी नौकरी जैसी लगती है, कम्बख्त ग़रीबों को तो मिलती ही नहीं,,,,,
थोडा इंतजार कर ए दिल, उसे भी पता चल जाएगा की उसने खोया क्या है,,,,,
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी , जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगे. ,,,,,
कितनी महँगी पड़ी मुझे मुस्कुराने की अदा, सब अकेला छोड़ गए मुझे ये कहकर क़ि तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो,,,,,
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाए , तो वो ख़ामोशी का रूप ले लेता है,,,,,
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता,,,,,
मोहबत के सफ़र में नींद ऐसी खो गई, हम न सोए रात थक कर सो गई.,,,,,
मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहबत कि है , ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे,,,,,
मेरी मोहबत की मजार तो आज भी वहीं है, बस तेरे ही सजदे की जगह बदल गई,,,,,
याद हैं हमको अपने तीनो गुनाह ! एक तो मोहबत कर ली, दूसरा तुमसे कर ली और तीसरा बेपनाह कर ली..,,,,,
बहुत याद आते हो तुम , दुआ करो मेरी यादाश्ति चली जाये,,,,,
जब मोहब्बत बे-पनाह हो जाये ना.. तोह फिर पनाह कही नही मिलती,,,,,
वो बोलते रहे, हम सुनते रहे – जबाब आँखों में था , वो लफ्जों मे ढूढते रहे,,,,,
कैसे गुज़र रही है सब पूछते है , कैसे गुजारता हु कोई नहीं पूछता ,,,,,
आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की, लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं,,,,,
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये”,,,,,
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे, मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो,,,,,
यूँ ही कितनी आसानी से पलट जाते है कुछ लोग,,,,,
बड़ी सादगी से उसने कह दिया, रात को सो भी लिया कर…. रातो को जागने से मोहब्बत लौट नहीं आती,,,,,
मै तब भी अकेला नहीं था, नहीं आज भी हु, तब यारो का काफिला था, आज यादो का कांरवा है,,,,,
कितने अनमोल होते है, ये यादों के रिश्ते भी , कोई याद ना भी करे, तो चाहत फिर भी रहती है,,,,,
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं…वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं ,,,,,
क्यूँ उदास बेठे हो इस तरहा अंधेरे मैं, दुःख कम नहीं होते रौशनी बुझाने से,,,,,
कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले… यहाँ दिल तो बहुत मिलते है,बस कोई दिल से नहीं मिलता,,,,,
Alone Status For instaGram
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं.. मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं,,,,,
मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह, उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा,,,,,
ना शाखों ने जगह दी ,, ना हवाओं ने बख्शा..! मैं हूँ टुटा हुआ पत्ता . आवारा ना बनता तो क्या करता,,,,,
अब इन आँखों से भी जलन होती हैं मुझे ! खुली हो तो याद तेरी, और बंद हो तो ख्वाब तेरे,,,,,
बहुत शौक से उतरे थे इश्क के समुन्दर में.. पहली ही लहर ने ऐसा डुबोया कि आज तक किनारा ना मिला,,,,,
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना…जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना,,,,,
किताबों की तरह हैं हम भी….अल्फ़ाज़ से भरपूर, मगर ख़ामोश,,,,,
ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा, वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता,,,,,
मोत से पहेले भी ऎक मौत होती हे..! देखो जरा तुम जुदा होकर किसी से.,,,,,
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा , वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही…,,,,,
“जो रहते हैं दिल में, वो जुदा नही होते, कुछ अहसास लफ़्ज़ों में बयान नही होते,,,,,
वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है; इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए,,,,,
इस दुनिया के लोग भी कितने अजीब है ना , सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं,,,,,
उसे ये कोन बतलाये, उसे ये कोन समझाए कि खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है,,,,,
उसने पुछा जिंदगी किसने बरबाद की । हमने ऊँगली उठाई और अपने ही दिल पर रख ली,,,,,
हम ना पा सके तुझे मुदतो के चाहने के बाद , ओर किसी ने अपना बना लिया तुझे चंद रसमे निभाने के बाद,,,,,
खुशीयां तो कब से रूठ गई हैं मुझसे, काश इन गमों को भी कीसी की नजर लग जाये,,,,,
काश ! वो सुबह नींद से जागे तो मुझसे लड़ने आए, कि तुम होते कौन हो मेरे ख़्वाबों में आने वाले,,,,,
कोन कहता है कि आसुयो मे वजन नहीं होता , एक भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता है ,,,,,
लोग कहते है के जब कोई अपना दूर चला जाए तो तकलीफ होती है, परन्तु असली तकलीफ तोह तब होती है जब कोई अपना , पास होकर भी दूरियां बना ले,,,,,
Alone Status अकेलापन स्टेटस And अकेलापन शायरी हिंदी में Alone Shayari