Sad Status in Hindi
गलतफहमी थी की सब अपने है,,,,,
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ, कल एक-एक से पूछोगे कि उसे क्या हुआ था,,,,,
बहुत दिनों से कोई हिचकी नहीं आयी, भूलने वाले तेरी तबियत तो ठीक है ना,,,,,
अंदर तक तोड़ देते हैं, वो आंसू जो रात के अंधेरे में चुपचाप निकलते हैं,,,,,
इश्क कभी खत्म नहीं होगा, बस तेरे सामने अब जाहिर नहीं होगा,,,,,
दोनों ही मजबूर रहे अपने-अपने दायरे में, एक इश्क कर न सका और एक इश्क भुला न सका,,,,,
मतलबी Day भी होना चाहिए, मेरे पास काफी लोग हैं Wish करने के लिये,,,,,
मुझे सिर्फ इतना बता दो, इंतज़ार करू या बदल जाऊं तुम्हारी तरह,,,,,
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी, जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगा,,,,,
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो,,,,,
मत आने दो किसी को करीब इतना, कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये,,,,,
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया,,,,,
हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम मिलते है इसलिए हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते है,,,,,
मुझे गिरते हुए पत्तों ने ये समझाया है, बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देते है,,,,,,
रात में जागने में और नींद ना आने में फर्क है,,,,,
बेच दूँ क्या सारी परेशानियां मौत अच्छा दाम दे रही है.,,,,,
सुना है, साँस रुक जाने पर बिछड़ने वाले भी मिलने आते है,,,,,
खफा रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते,,,,,
बदले बदले से हो जनाब क्या बात हो गई, शिकायत हमसे हैं या किसी और से मुलाकात हो गई,,,,,
कभी किसी से बात करने की आदत मत डालना, क्योंकि जब वो बात करना छोड़ देते हैं, तो जीना मुश्किल हो जाता है,,,,,
तमन्ना थी, कि कोई टूटकर चाहे हमे। मगर हम खुद ही टूट गए किसी को चाहते चाहते,,,,,
सा भी नहीं पिघलता दिल तुम्हारा, इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से खरीदा,,,,,
अजीब खेल है ये मोहब्बत का, किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला,,,,,
माफ़ी चाहता हू, तेरा गुनहगार हू ए दिल, तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं,,,,,
दर्द की बात मत करो जिसने भी दिया है बेमिसाल दिया है,,,,,
मारना ही था तो गोली मार देते यूँ पल पल तड़पाने की वजह क्या है,,,,,
शीशे की तरह साफ़ हूँ फिर भी न जाने क्यू अपनों की समझ से बाहर हूँ,,,,,
ना होने का एहसास सबको है, मौजूदगी की कदर किसी को नहीं,,,,,
बहुत नाराज़ थे तो रो पडे, अपनों से क्या ही शिकायत करते,,,,,
थक कर मुस्कुरा देता हूं, जब रोया नहीं जाता हमसे,,,,,
बाहर से शांत दिखने के लिये अंदर से बहुत लड़ना पडता है,,,,,
जब रिश्तों में ग़लतफहमी आ जाये तो, सच्चा प्यार भी झूठा लगने लगता है,,,,,
दुआ कभी खाली नही जाती, बस लोग इंतजार नही करते,,,,,
सा वो पल था, पर क्या करें वो कल था,,,,,
तकलीफ़ खुद ही कम हो गई, जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई,,,,,
जो तुमसे तंग आ जाए उसे छोड़ दो, क्योंकि बोझ बन जाने से याद बन जाना बेहतर है,,,,,
तकलीफ़ अकेलेपन से नहीं, अंदर के शोर से है,,,,,
जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है उसने बार-बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है,,,,,
एक घुटन सी होती है जब कोई दिल में तो रहता है मगर साथ नहीं,,,,,
अपनी मर्जी से भी दो चार कदम चलने दें ऐ-जिन्दगी, तेरे कहने पे तो बरसों चलें हैं,,,,,
टूट सा गया है मेरी चाहत का वजूद ,अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इज़हार नहीं करते,,,,,
वो भी फुरसत में बैठकर कसर सोचती तो होगीं.. कि कितनी सीद्दत से मोहब्बत करता था कोई,,,,,
आज भी लड़खड़ा जाती है आवाज़..जब कोई पूछता है तुम्हारे बारे में,,,,,
सबको अपनी मोहब्बत का सिला मिला में गरीब था साहब मुझे धोखा मिला,,,,,
सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी ने पर कसूर क्या था वो नहीं बताया,,,,,
एक आखिरी मुलाक़ात की ख्वाहिश थी पर अलविदा भी वो फ़ोन पर ही कह गए,,,,,
बात कोई नहीं मानता, बात का बुरा सब मान जाते है,,,,,
हर कोई बदल जाता है जब उन्हें आपसे कोई बेहतर मिल जाता है,,,,,
जिस जगह से कोई लौटकर नहीं आता, आज ना जाने क्यों वहां जाने का दिल कर रहा है,,,,,
तुझे पा लेते तो किस्सा ख़त्म हो जाता, तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी,,,,,
लोग कहते है समझो तो खामोशियाँ भी बोलती है, मै अरसो से खामोश हूँ, वो बरसों से बेखबर है,,,,,
अंदर ही अंदर ख़त्म हो रहे है..गम नहीं तो, हम ही सही,,,,,
खुदखुशी की तो हिम्मत नहीं मुझमे, बस दुआ है के कोई हादसा हो जायें,,,,,
जिनकी हँसी खूबसूरत होती है, उनके जख्म काफी गहरे होते हैं,,,,,
कांटे तो नसीब में आने ही थे, फूल जो हमनें गुलाब का चुना था,,,,,
मुफ्त में नही सीखा उदासी में मुस्कुराने का हुनर, बदले में ज़िन्दगी की हर खुशी तबाह की है हमने,,,,,,
अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है, चोट रूह की है इसलिये दर्द जरा गहरा है,,,,,,,,
रहना पाओगे भुला कर देख लो..यकीन ना आये तो आजमा के देखलो,,,,,
इतना कहाँ मशरूफ हो गए हो तुम.. अब दिल दुखाने भी नहीं आते,,,,,
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना, कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते,,,,,
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे,,,,,
सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था, किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा,,,,,
जरुरी नहीं चुभे कोई बात ही, बात ना होना भी बहुत चुभता है,,,,,
आदत थी मुझे सबसे हसकर बोलने की, मेरा शौंक ही मुझे बदनाम कर गया,,,,,
रास्तों ने चाहा तो फिर मिलेंगे हम, मंजिल का तो कोई इरादा नहीं लगता,,,,,
काश रोने से नसीब बदल जाता, कसम तुम्हारी आंसुओं से दुनिया डुबो देते,,,,,
रोज़ ख्वाबो मे जीता हूँ, वो ज़िन्दगी… जो तेरे साथ मेने हकीकत मे सोची थी,,,,,
ख़त्म हो गए उन लोगों से रिश्ते भी, जिनसे मिलकर लगता था, ज़िन्दगी भर साथ देंगे,,,,,
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे” खुश देखने के लिए,,,,,
एक हलकी सी मुस्कुराहट से शुरू हुई मोहब्बत, हज़ार आँसू बहाने पर भी खत्म नहीं होती,,,,,
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ,,,,,
हमारे पास तो बस #तेरी यादें है,ज़िन्दगी तो उसे #मुबारक हो जिसके पास तुम हो,,,,,
“रिश्तो को वक़्त और हालत बदल देते है, अब तेरा ज़िकर होने पर हम बात बदल देते है,,,,,
हम तो बस कलम से दिल का हाल लिखते है, और लोग कहते है कि आप कमाल लिखते है,,,,,
कैसे कह दूं कि मुलाक़ात नहीं होती है, रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है,,,,,
वाकिफ थे बाकायदा उन गलियों से हम फिर भी ना जाने कैसे ठोकर लग ही गयी,,,,,
खुशियाँ दिखावे की हो सकती हैं, जनाब ग़म तो छुपाने से भी नहीं छुपता है,,,,,