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मौत के नाम से सुकून मिलने लगा… जिंदगी ने कम नही सताया हमको,,,,,
हम थोड़ा अपनी ज़िन्दगी में मशरूफ़ क्या हुए, लोगों ने हमे अपने दिल से निकाल दिया,,,,,
ज़िन्दगी का यही एक कड़वा उसूल है,देने से ज्यादा ज़िन्दगी छीन लेती है,,,,,
तेरे बाद हमारा हमदर्द कौन बनेगा, हमने तो सब छोड़ दिया तुझे पाने की जिद्द में,,,,,
तेरे होने तक मैं कुछ ना था. तेरा हुआ तो मैं बर्बाद हो गया,,,,,
ज़िन्दगी ने बहुत सारे तजुर्बे दिए मगर, जिन्होंने तजुर्बे दिए वो अपने ही थे,,,,,
दिल का दर्द किसे दिखाएं, मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं,,,,,
काश तू मेरी मौत होती तो एक दिन मेरी ज़रूर होती,,,,,
कितना मुश्किल है उस इंसान को मनाना, जो रूठा भी न हो और बात भी न करे,,,,,
मुझसे भी बेहतर मिलेगा तुमको कोई पर मेरे जैसा प्यार करे इसकी उम्मीद मत करना,,,,,
तुम्हे खो कर इतना तो जान गया हु की तुम्हे पाने वाले सब पछतायगे ,,,,,
ये शिकायत नहीं तजुर्बा है जनाब की कदर करने वालो की कोई कदर नहीं करता,,,,,
तैरना तो आता था हमें लेकिन जब उसने हाथ नहीं पकड़ा तो डूब जाना बेहतर लगा,,,,,
“दिल में आने का रास्ता तो होता है, लेकिन जाने का नहीं इसलिए जो भी जाता है दिल तोड़कर जाता है,,,,,
चेहरे बदल जाए तो कोई तकलीफ नहीं अगर लेहज़े बदल जाए तो बहुत तकलीफ होती है,,,,,
सोचा था एक घर बनाकर बैठूंगा सुकून से…लेकिन घर की ज़रूरतो ने मुसाफिर बना दिया,,,,,
मौत से कह दो अपनी नाराजगी ख़तम कर ले वो बहुत बदल गया है जिनके लिए हम जीते है,,,,,
वो बनाते गए और हम बनते गए, कभी मजाक तो कभी तमाशा,,,,,
जितना प्यार तेरी बातों में था, काश तेरे दिल में भी होता,,,,,
दुश्मनों की जरूरत अब है भी किसे, अपने ही बहुत हैं दर्द देने के लिए,,,,,
जिन से मिलना मुमकिन नहीं होता, याद भी सबसे ज्यादा वही आते हैं,,,,,
वक़्त भी बहुत बेईमान है, ख़ुशी में एक पल का और दुखों में ख़तम ही नहीं होता,,,,,
उसने मुझे इस कदर तोड़ा है कि अब तक जुड़ने का मन नहीं करता,,,,,
मैं शायरी किसी की यादों में नहीं लिखता, लेकिन जब लिखता हूँ तो उसकी याद जरूर आ जाती है,,,,,
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं,,,,,
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया,,,,,
बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में, कभी बादलो से तो कभी आँखों से,,,,,
हकीकत कुछ और ही होती है..हर गुमसुम इंसान पागल नही होता,,,,,
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते , पर वो तारा नहीं टूटता , जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ ,,,,,
कभी सुकून था तेरी बातों में, अब तेरे जिक्र पर बात बदल देते है,,,,,
पानी चाहे समुद्र में हो या आँखों में, राज और गहराई दोनों में होती है,,,,,
ना छेड़ो ग़मों की राख को, इसमें भी अंगारे होते हैं…हर दिल में एक समुन्दर होता है, तभी आंसू खारे होते हैं,,,,,
लोग बनाते गये और हम बनते गये कभी मजाक तो कभी तमाशा,,,,,
जितना प्यार तेरी बातों में था, काश तेरे दिल में भी होता,,,,,
किस्मत का भी कोई कसूर नहीं, कई बार हम मांग भी वो लेते हैं जो किसी और का होता है,,,,,
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ..लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो,,,,,
दर्द दिलो के कम हो जाते, मैं और तुम अगर हम हो जाते,,,,,
खुद को माफ़ नही कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे,,,,,
यहाँ लोग अपनी गलती नही मानते, किसी और को अपना क्या मानेंगें,,,,,
आँसू भी आते हैं और दर्द भी छुपाना पड़ता है, ये जिंदगी है साहब यहां जबरदस्ती भी मुस्कुराना पड़ता है,,,,,
समझ में नहीं आता कि किस पर भरोसा करू, यहां तो लोग नफरत भी करते है मोहब्बत की तरह,,,,,
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें… मौत इंसानो को आती है यादों को नहीं,,,,,
ना वो मिल रहे हैं, ना जीने का मजा आ रहा है, बस उन्हें पाने की चाहत में वक़्त बिता जा रहा है,,,,,
ये रात हमसे बहुत प्यार करती है, सबको सुलाकर हमसे अकेले में बात करती है,,,,,
रिश्ते धीरे धीरे ही ख़त्म होते हैं, बस पता अचानक चलता है,,,,,
बहुत मुश्किल होता है वो लम्हा जब आप टूट रहे हो, और मुस्कुराना आपकी मजबूरी हो,,,,,
बुरा किया भी नही और बुरे बन भी गये हम,,,,,
बदल जाते है वो लोग वक़्त की तरह, जिन्हें हद से ज्यादा वक़्त दिया जाता है,,,,,
देता सब कुछ है ✒ खुदा हमें, पर जिसे चाहो उसे छोड़कर,,,,,
आज एक ख्वाब ने बड़ी नजाकत से पूछा मुझसे… पूरा करोगे या टूट जाऊ,,,,,
तू इश्क की दूसरी निशानी देदे मुझको,आँसू👀तो रोज गिर के सूख जाते हैं,,,,,
कहीं बाजार में मिल जाये तो लेते आना…वो चीज़ जिसे दिल का सुकून कहते हैं,,,,,
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी…हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी,,,,,
आखिर तूने मेरी जिन्दगी को अधूरा कर दिया…वाह रे मोहब्बत तूने अपना काम पूरा कर दिया,,,,,
किसी से नाराजगी इतने वक्त तक ना रखो कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए,,,,,
कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे…मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते,,,,,
बहुत डर लगता है उन लोगो से जो बातों में मिठास और दिलो में जहर रखते हैं,,,,,
बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी, सिलती कुछ नहीं, बस चुभती चली जा रही है,,,,,
जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते, ये ख़त किसलिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते,,,,,
उनकी नफरत बता रही है, हमारी मोहब्बत गज़ब की थी,,,,,
तुम नहीं मिले तो क्या हुआ सबक़ तो मिल गया,,,,,
तुम तो रह लेते हो हमारे बिना पता नहीं, हमसे क्यों नहीं रहा जाता तुम्हारे बिना,,,,,
मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता,,,,,
तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया,,,,,
देखी है दरार आज मैंने आईने में..पता नहीं शीशा टुटा हुआ था या फिर मैं,,,,,
खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे,,,,,
इंतजार है मुझे जिंदगी की आखिरी पन्ने का सुना है, अंत में सब ठीक हो जाता है,,,,,
थोड़ा और बताओ ना मुझे मेरे बारे में, सुना है बहुत अच्छे से जानते हो तुम मुझे,,,,,
तो बस जरूरत थे, जरूरी तो कोई और था,,,,,
जिंदा हूँ तब तक तो हालचाल पुछ लिया करो, मरने के बाद हम भी आजाद तुम भी आजाद,,,,,
मेरे आँसुओं के दाम तुम चुका नहीं पाओगे, मोहब्बत न ले सके तो दर्द क्या खरीद पाओगे,,,,,
नींद चुराने वाले पुछते है सोते क्यों नहीं, इतनी ही फ़िक्र है तो, फिर हमारे होते क्यों नहीं,,,,,
आज भी लड़खड़ा जाती है आवाज़..जब कोई पूछता है तुम्हारे बारे में,,,,,
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा हैj, चलिए छोड़िए कौन सी पहली दफ़ा है,,,,,
तेरी खुशी जरूरी है, हमारा बात करना नहीं,,,,,
तुझे पाना ज़रूरी नहीं है तेरा होना ही काफी है,,,,,