
Magic Status
हंमेशा रोशन रखेंगे हम तेरी चाहत के दिऐ को, क्या पता किस पल तेरा आना हो जाए ,,,,,
क्यूँ ऐसे चुभती है तुझसे ये दुरी, क्यूँ लगती है तेरे बिन ये जिन्दगी अधूरी ,,,,,
कोई तो बरसात ऐसी हो जो तेरे संग बरसे, तनहा तो मेरी आँखें हर रोज बरसती है ,,,,,
भीड़ में भी तनहा खड़े है, जहाँ उनका साथ होना था वहाँ भी अकेले खड़े है ,,,,,
आज दिल बहोत उदास है, लगता है तुम कहीं उदास हो ,,,,,
आज मैं अकेला हूँ तो क्या हुआ, एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा ,,,,,
बिछड़ने के कोई कायदे कानून तो होने चाहिए, दिल खाली था तो रहने लगे और भर गया तो चल दिए ,,,,,
जब ये मालुम ना हो की वो कब आयेगा और आएगा किसीका इन्तजार करना बहोत मुश्किल होता है ,,,,,
लौट आ ना तू मेरे दिल का करार बनकर, रह गई है जिन्दगी सिर्फ तेरा इंतजार बनकर ,,,,,
पता नहीं कहाँ रहता है वो शख्स आजकल, जिसके दिल में कल तक हम रहा करते थे ,,,,,
तुम लौट आओ ना, सुना है खुद से बाते करने वाले पागल हो जाते है ,,,,,
लौट आओ ना तुम्हारा क्या चला जाएगा, मेरी जान बच जाएगी और तुम्हारा नाम हो जाएगा ,,,,,
बिन तेरे ये गलिया खाली खाली लगती है, तुम गर हो साथ मेरे तो हर रोज दिवाली लगती है ,,,,,
हर बार वो शख्स मुझे अकेला क्यूँ कर जाता है, जिसके साथ के लिए सबसे दूर हो गई हूँ मैं ,,,,,
सुना है की सुबह के भुले शाम को लौट आते है, इसलिए मैंने अपने दिल के दरवाजे खुले रखे है ,,,,,
अधूरी ज़िन्दगी महसूस होती है, मुझे तेरी कमी महसूस होती है ,,,,,
बहुत कुछ कहना चाहते है आपसे, कभी तो सुनने आइये इस दिल की खामोशियाँ ,,,,,
बस तेरे ख़्याल ही तो है मेरे पास, वरना कौन कमबख्त सूनी राहों पर मुस्कुराता ,,,,,
मोहब्बत और भी बढ़ जाती है जुदा होने से, तुम सिर्फ मेरे हो इस बात का ख्याल रखना ,,,,,
तुझसे बिछड़ा तो किसी दर का ना रहा, सुर्ख पत्ते की तरह आज भी सफ़र में हूँ ,,,,,
तुम्हारे अहेसास की परछाईयाँ मेरे साथ है, मैं ये कैसे कह दूँ की मेरा कोई हमसफ़र नहीं ,,,,,
कभी भी कोई किसीसे दूर जाना नहीं चाहता, लेकिन किस्मत उसे दूर ले जाती है ,,,,,
दर बार तो शख्स मदो अकेला क्यूँ कर जाता है ,,,,,
करीब थे और आज दुर है, यक़ीनन एक रोज फिर साथ होंगे ,,,,,
बड़ी शिद्दत से इन्तजार है उसका, कुछ देर ही सही वो आएगा जरुर ,,,,,
काश किसीके बुलाने से कोई चला आता, तो शायद ये मोहब्बत इतनी सितमगर ना होती ,,,,,
ये चेहरे की ख़ुशी सिर्फ तेरे इन्तजार की है, क्यूंकि दिल में आज भी उम्मीद तेरे दीदार की है ,,,,,
वो साथ था तो मनो जन्नत थी जिन्दगी, अब तो हर सांस ज़िंदा रहने की वजह पूछती है ,,,,,
तमाम उम्र वो हमारी एक झलक को तरसते रहे, जिनको हमने कहा था की वक़्त मिला तो मुलाक़ात होगी ,,,,,,
तकलीफ न उठाओ वापस आने की, उम्मीदें बहा दी है मैंने आँखों से ,,,,,
मैं तो अब भी तैयार हूँ तुझे अपनाने के लिए, बस एक बार पीछे मुड के देख तो सही ,,,,,
ना प्यार कम हुआ है ना ही प्यार का अहेसास, बस उसके बिना जिन्दगी काटने की आदत हो गई है ,,,,,
वक्त से कह दो जल्दी से बीत जाए, अब उनके बिना रहा नहीं जाता ,,,,,
बहोत खुशनसीब होते है ना वो लोग, जिनके हाथों में मिलने के बाद बिछड़ने की लकीर नहीं होती ,,,,,
यूँ तो तेरे मेरे दरमियाँ है मीलों की दूरियाँ, फिर भी ऐसा कोई पल नहीं की तू मेरे साथ नहीं ,,,,,
लौट आता मैं वापस तेरे पास मगर क्या फायदा, ना तेरे दिल में मेरे लिए मोहब्बत रही ना मेरी जरुरत ,,,,,
तुम आओ ना आओ मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्यूंकि अब मैंने अकेले रहना सिख लिया है ,,,,,
बिछड़ के तुझसे अब मुझे मरना है, ये तजुर्बा मुझे इसी जिंदगी में करना है ,,,,,
सुनो बिन तेरे मेरा दिल, बेज़ान सा रहता है मुझमें ,,,,,
एक तो महबूब से दूरी और ऊपर से बारिश का ये जुल्म, कुछ तो तरस खाया करो आशिकों पे मेरे खुदा ,,,,,
सुबह-शाम एक-एक बार मुझे दिख जाया करो तुम, डॉक्टर ने कहा है मुझे की अपनी दवाइया वक्त पर लेते रहना ,,,,,
पास रहने से भी कम नहीं होता, फांसला जब दिलों में होता है ,,,,,
आँखें खुली थी इंतजार मे किसीके, लोग दफना आये हमें कोई लाश समझकर ,,,,,
वो मुझे भूल ही गया होगा, इतनी मुदत कोई खफा तो नहीं रहता ,,,,,
जीती हूँ इस आश पर की आओगे एक दिन तुम, मरती इसलिये नहीं की अकेले रह जाओगे तुम ,,,,,
जिंदगी यूँ ही बहोत कम है, फिर रूठकर वक्त गँवाने की जरुरत क्या है ,,,,,
कब आ रहे हो मुलाकात के लिये, हमने चाँद रोका है एक रात के लिये ,,,,,
मुझे इंतजार भी उसके लौट आने का है, जिसने जाने से पहले मुड़कर देखा भी नहीं ,,,,,
तन्हाई इस कदर रास आ गई है मुझको, की अपना साया भी साथ हो तो भीड़ सी लगती है ,,,,,
कहा था उस शख्स ने लौट आऊंगा एक दिन, और उसका एक दिन अभी तक नहीं आया ,,,,,
कभी कभी हालत ऐसे पैदा हो जाते है, की इंसान को ना चाहते हुए भी जुदा होना पड़ता है ,,,,,
सुना है अश्क की बरसात होने वाली है, बिछड़ के उनसे फिर मुलाकात होने वाली है ,,,,,
तलब ऐसी की गले से लगा लूँ मैं, किस्मत ऐसी की देखने को मोहताज हूँ ,,,,,
कौन कहता है तन्हाइया अच्छी नहीं होती, ये खुद से मिलने का बड़ा हसीन मौका देती है ,,,,,
बताओ अब कौन से मौसम में उनकी आस लगाए, जब पहली बारिश में भी उनको हम याद ना आये ,,,,,
जिंदगी चल रही थी और चलती रहेगी, लेकिन तेरी कमी हर पल खलती रहेगी ,,,,,
लौट आओ वो हिस्सा लेकर जो साथ ले गए तुम, इस रिश्तें का अधूरापन अब अच्छा नहीं लगता ,,,,,
कैसे करे ये इंतजार तेरे लौट आने का, अभी दिल को यकीन नहीं है तेरे चले जाने का ,,,,,
आँखों में आज भी उसके आने का इंतजार है, ना जाने क्यूँ लेकिन उम्मीद की ये आस कभी टूटती ही नहीं ,,,,,
आज फिर उतनी ही मोहब्बत से बुलाओ ना, कह दो मिलने का मन कर रहा है आओ ना ,,,,,
हमने कब चाही थी वो जिंदगी, जो तेरे बगैर गुजरे ,,,,,
अगर इतनी ही मोहब्बत होती ना उसे तुझसे, तो वो यूँ अकेला छोड़कर नहीं जाता तुझे ,,,,,
मैंने मांगी थी दुआओं में खुदा से ख़ुशी उनके लिए, और खुदा ने उसको मुझसे जुदा करके कहा की अब वो खुश है ,,,,,
तुम बिन साँसें तो चलती है, लेकिन महेसुस नहीं होती ,,,,,
ठुकराया हमने भी बहुतों को है ऐ हमसफ़र, 459 तुझसे फासला भी शायद उन की बददुआओं का असर है ,,,,,
सुनो अब रात को भी सोना छोड़ दिया है हमने, क्यूंकि अब तुम ख्वाबों में भी बिछड़ गये तो शायद मर जाएंगे हम ,,,,,
देखो बारिश भी लौट आई है, तुम्हें भी लौट आना चाहिये ,,,,,
कितनी अजीब बात है, दूरियाँ सिखाती है की नज़दीकयां क्या होती है ,,,,,
तुम क्या जानो की हम अपने आप में कितने अकेले है, पूछो उन रातों से जो रोज कहती है की खुदा के लिए आज तो सो जाओ ,,,,,
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर, ये दुनिया तो खामखाँ कहती है की तुम मेरे करीब नहीं ,,,,,
ए जिन्दगी काश तू ही रूठ जा मुझसे, ये रूठे हुए लोग मुझसे मनाये नहीं जाते ,,,,,
इतनी यादें तेरी पर तु मेरे पास नहीं, इतनी बाते है करने को पर तु मेरे साथ नहीं ,,,,,
कुछ तो जान फूंक दी होती ऐ इश्क, यूँ लाश बनके कब तक फिरती रहूँ उसको ढुंढते ढुंढते ,,,,,
सुनो जान क्या तुम लौट आओगे, अगर कहूँ की मैं बहोत उदास हूँ ,,,,,
तुम तो मेरे जाने के बाद तनहा हुए, हम तो तेरे साथ भी अकेले थे ,,,,,
यूं तो हर शाम उम्मीदी में गुज़र जाती है, आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया ,,,,,
भटकने दे तेरी गलीयों में बनजारों की तरह, आराम की जिंदगी भी तेरे बगैर बेजान लगती है ,,,,,
कहीं कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है, तुमको भूल ना पायेंगे हम ऐसा लगता है ,,,,,
सुनो तेरे बीन मेरा हाल कुछ ऐसा है, जैसे इतवार की छुट्टी और वीरान सा स्कुल ,,,,,
जैसे चुराया था तुने दिल मेरा, लौट आओ ना वैसै ही मेरा गम चुराने ,,,,,
हजारो रातो में सिर्फ एक रात होती है, दिल को सुकून मिलता है जब तुमसे बात होती है ,,,,,
इंतजार तो कर लूँ तुम्हारा, बस इतना तो बता दो की कब तक ,,,,,
दूरियाँ हुई तो उनके और करीब हुए हम, ये कैसे फ़ासले थे जो बढ़ने से हुए कम ,,,,,
कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या हालात है मेरे, अब तुम दूर से पूछोगे तो सब बढ़िया ही कहूँगी ,,,,,
लौट आओ ना दुबारा मेरी जिन्दगी में, तुम्हारे बिना मैं टूटकर बिखरने सी लगी हूँ ,,,,,
कभी कभी एक छोटा सा #Bye भी, आँखों में आँसूं ले आता है ,,,,,
नाराज़गी बहुत है हम दोनों के दरमियान, वो गलत कहता है की कोई रिश्ता नहीं रहा ,,,,,
तेरे रूठ जाने से भी कोई शिकायत नहीं है मुझे, क्यूंकि जो लम्हें गुजारे तेरे साथ वो बेमिसाल थे ,,,,,
न आँखों को चैन न जिगर को करार आया, मेरे हिस्से मोहब्बत में बस इंतजार आया ,,,,,
किसी भी कीमत पे हो लेकिन एक बार तेरा दीदार हो जाए, फिर उसके बाद चाहे यह मेरी नजर बेकार हो जाए ,,,,,
तू मुझसे दूरियां बढ़ाने का शौक पूरा कर, मेरी भी ज़िद है तुझे हर दुआ में मांगूंगी ,,,,,
सब आते है खैरियत पूछने, तुम आ जाओ तो ये नौबत ही न आए ,,,,,
राह तकते जब थक गई मेरी आँखें, फिर तुझे ढूंढने मेरी आँखों से आँसू निकले ,,,,,
तुम आओगे भी तो अब क्या हासिल होगा, जो प्यार था वो फासलों की वजह से फ़ना हो गया ,,,,,
जब भी जी चाहे चली आना हम तेरे ही है, दिल में अब तक किसीको बसाया नही मैंने ,,,,,
ये कैसा नशा है की मैं अजीब से खुमार में हूँ, तू आ के जा भी चुका है और मैं इन्तजार में हूँ ,,,,,
आज फिर बैठे है हम तुमसे मिलने की आस लेकर, दिल में इश्क और आँखों में अश्क लेकर ,,,,,
तुमसे मिलना है हकीकत में मुझे, मैं इन ख्वाबो के भरोसे रह नहीं सकता ,,,,,
अब तमन्ना एक ही है की एक बार आये, मौत आये या फिर मेरा प्यार आये ,,,,,
अच्छा हुआ जो तुमने मुझे रुसवा कर दिया, कुछ पल को ही सही तुमने मुझे अपना कर दिया ,,,,,
बड़े खुश है आज मेरे बिना भी वो, जो दूर जाने के ज़िकर पे होंठो पे हाथ रख देते थे ,,,,,
मुझसे बिछड़कर खुश रहते हो, लगता है मेरी तरह तुम भी झूठे हो ,,,,,
हो सके तो लौट आओ और कह दो, की मैं नादान भटक गया था ,,,,,
कितनी जल्दी फैसला कर लिया जाने का, एक मौक़ा तो देते हमें मनाने का ,,,,,
वो था तो वक्त कहीं ठहेरता ही नहीं था, अब वक्त गुजरने में बहोत वक्त लगता है ,,,,,