
Love Status
वो इश्क़ ही क्या जिसमे हिसाब हो, मोहब्बत हमेशा बेहिसाब होती है,,,,,
कभी फुर्सत मिले तो सोचना, क्यूँ एक लापरवाह लड़का तुम्हारी इतनी परवाह करता था,,,,,
गुलाब तो नहीं दिया कभी हमने लेकिन, मोहब्बत गुलाब देने वालो से ज्यादा थी,,,,,
तेरा मेरा रिश्ता ताले चाबी जैसा है, कोई और आया तो तोडना ही पड़ेगा,,,,,
कुछ तो बात है मोहब्बत में वरना एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनाता,,,,,
ख्वाइश है की पूरी ये ख्वाइश हो जाए, वो छाता एक ही लाए और बारिश हो जाए,,,,,
खुदा करे वही बात उसके दिल में हो, जो बात करने की हिम्मत जुटा रहा हूँ मैं,,,,,
जिसे सोचकर ही चेहरे पर ख़ुशी आ जाए वो खूबसूरत एहसास हो तुम,,,,,
मुझे आज भी याद है तुम्हारा वो मुझसे पहली बार बात करना,,,,,
नहीं करता मैं तेरा जिक्र किसी तीसरे से, तेरे बारे में बात सिर्फ खुदा से होती है,,,,,
किसी और कि तारीफ क्या करना जब मेरा हमसफ़र ही लाजवाब है,,,,,
अगर मैं लहर बनूं, तुम किनारा बनना अगर मैं बहक जाऊं तो तुम सहारा बनना,,,,,
मैंने दबी आवाज में पूछा, मोहब्बत करने लगी हो, नजरें झुका कर वो बोली, “बहुत”,,,,,
मैंने जब भी जाने की इजाजत माँगी, उन्होंने जुबाँ से हाँ कह के निगाहों से रोक लिया,,,,,
होती रहेगी मुलाकाते तुमसे, नजर से दूर हो दिल से नहीं,,,,,
तू गुजर जाये करीब से…. वो भी मुलाकात से कम नहीं,,,,,
हम जुड़े हुए हैं प्यार की डोर से, गुस्सा तो हो सकते हैं पर जुदा नही,,,,,
क्या पता था कि मोहब्बत ही हो जायेगी, हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था,,,,,
आज फिर उसने मुस्कुराके देखा मेरी तरफ और मैं फिर से दीवाना हो गया,,,,,
जब कभी तुम मुस्कराओ बिना बात के, समझ लेना हमारी दुआ कबूल हो गयी,,,,,
मत हटाया करो यूँ दुपट्टे अपने चेहरे से, सीधा सा दिल मेरा बेइमान होने लगता है,,,,,
मैं भिखारी भी बन जाऊँगा तेरी खातिर, कोई डाले तो सही मेरी झोली में तुझे,,,,,
काश ऐसी भी कोई खूबसूरत रात हो, एक चाँद आसमान में और एक मेरे साथ हो,,,,,
किस तरह खत्म करें उन से रिश्ता, जिन्हें सिर्फ सोचते हैं तो पूरी कायनात भूल जाते हैं,,,,,
तेरी आदत इस तरह लगी है तारीफ किसी की भी करू ख़याल तेरा ही आता है,,,,,
मेरा और उसका क़िस्सा कुछ ऐसा है मेरी छोटी सी दुनिया का वो खूबसूरत हिस्सा है,,,,,
दुरिया मायने नहीं रखती, जब दिल एक दुसरे के वफादार हो,,,,,
शाम उतरने लगी है खिड़की पर, बेसबर आँखों को चाँद का इंतजार है,,,,,
तुम्हे तुमसे भी ज्यादा चाहने लगा हूँ, गुमसुम बैठे-बैठे मुस्कुराने लगा हूँ,,,,,
न जाने कैसा नशा है ये आशिक़ का इसमें इंसान कम और खिलौना ज्यादा नज़र आता है ,,,,,
एक ही शक्य को धुड़ती है, ये निगाहें साहब, ये वो प्यार नहीं जो हर किसी से कर लु,,,,,
अगर कोई भूखा गरीब रास्ते के किनारे मिल जाये, तो अपनी टीफिन का खाना खिलाना भी मोहब्बत है,,,,,
मुस्कुराने के बाद पता चला, शिकायतें भी बड़ी हसीन होती हैं,,,,,
जिसे पा नहीं सकते, यह जरूरी नहीं कि उसे प्यार करना भी छोड़ दिया जाए,,,,,
मुझमें अपनी मुश्क मिला दी, फिर दुनिया रंगीन बना दी। मुझको अपनी सांसें कहकर, तुमने मेरी जान बचा दी,,,,,
तुम एक कदम मेरी तरफ बढ़ा के तो देखो, ज़िन्दगी भर साथ ना चलु तो कहना,,,,,
एक बार मेरी तरफ नज़रे उठा कर तो देखो, तमाम उम्र किसी और को नज़र उठा के देखु तो कहना,,,,,
यूँ तो तैरने में बहुत माहिर हैं हम, फिर भी डूब जाते हैं अक्सर तेरे ख्यालो में,,,,,
बदला भी क्या लूं तुमसे ,,आज भी हंसते हुए अच्छे लगते हो,,,,,
खैरियत पूछने वाले तो बहुत हैं मेरे पास ,, तलाश तो उसकी है जो खयाल भी रखे ,,,,,
आप सामने हो और हम हद में रहे, मोहब्बत में कोई इतना भी शरीफ नहीं होता,,,,,
बहुत देखा है ज़िन्दगी में समझदार बनकर ,, मगर खुशी हमेशा पागल बनकर ही मिली है,,,,,
आप सामने हो और हम हद में रहे, मोहब्बत में कोई इतना भी शरीफ नहीं होता,,,,,
प्रेम हो तो राधा कृष्ण जैसा भले ही साथ ना हुए मगर नाम आज भी साथ लिया जाता है,,,,,
अगर आपका प्यार आपको ना मिले तो, उनको प्यार जरूर देना जो आपसे प्यार करते है,,,,,
कभी तुम नाराज़ हुए तो हम झुक जाएंगे, कभी हम नाराज़ हुए तो तुम गले लगा लेना,,,,,
न शक न शिकवा न शिकायत थी हमें बस हर रोज तुम्हें देखने की आदत थी हमें,,,,,
वह बचपना था या इश्क मालूम नहीं, मगर वो पेन मांगने वाला बहाना आज भी कहीं जिंदा है,,,,,
रास्ता कैसा भी हो,पर साथ हमेशा पक्का होना चाहिए हमसफ़र अच्छा नहीं पर सच्चा होना चाहिए,,,,,
अभी तो उनसे नजरें मिली ही थीं, कि हम अपना दिल वहीं छोड़ आये! कहने को तो बहुत कुछ था, पर कम्बखत वक़्त को हम रोक न पाये,,,,,
हमने कहा दीवानगी क्या होती है, उसने कहा दिल तुम्हारा हुकूमत हमारी,,,,,
मैं ख़ुशी तलाश कर रहा था और मुझे तुम मिल गए,,,,,
रूठना हुस्न का हक है मनाना आशिक की इबादत,,,,,,
इश्क ना सही फिकर है तू ना सही तेरा ज़िकर है,,,,,
प्यार पहला हो या दूसरा फर्क नहीं पड़ता बस प्यार सच्चा होना चाहिए,,,,,
कुछ साथ यकीन दिलाते हैं की प्रेम वाकई खूबसूरत है,,,,,
लोग शक्ल की बात करते हैं, मुझे तो तेरी आवाज से भी प्यार है ,,,,,
इश्क़ होना था हो गया, अब किसी दूसरे का हो जाना, मुमकिन नहीं है,,,,,
मै ज़िंदगी गिरवी रख दुंगा, तु सीर्फ कीमत बता मुस्कुराने की,,,,,
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना, जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी,,,,,
तेरी मोहब्बत की हिफाज़त कुछ इस तरह की हमने, जब देखा किसी ने प्यार से नज़रें झुका ली हमने,,,,,
हमतो फ़ना हो गया उनकी आँखें देखकर ग़ालिब, ना जाने वो आईना कैसे देखते होंगे,,,,,
मेरी रूह में समाई है तेरी खुसबु, लोग कहते है तेरा इत्र लाजवाब है,,,,,
चंद पल साथ रहा फिर जुदा हो गया एक शख़्स न जाने कब खुदा हो गया,,,,,
कर्जदार हूं उस हकीम का, जिसनें दवा में तेरा दीदार लिखा,,,,,
इश्क़ की किताब का उसुल है जनाब..मुड़ कर देखोगे..तो महोब्बत मानी जाएगी,,,,,
चाय ख़त्म होने तक तुम रुकने का वादा करो, हम आखिरी घूँट भी आखिरी साँस तक पीते रहेंगे,,,,,
वो किताब लौटने का बहाना तो लाखों में था लोग ढूंढ़ते रहे सबूत पेगाम तो आखों में था,,,,,
“सुनो” ज़रा सा हक़ जाताना भी सिख लो,इश्क़ है तो बताना भी सिख लो,,,,,
पुरानी होकर भी खास होती जा रही है मोहब्बत बेशर्म है जनाब बेहिसाब होती जा रही है,,,,,
रहने दो अपनी जुल्फों को चेहरे पर यूं ही ये चाँद बादलों में ज्यादा हसीन लगता हैं,,,,,
बेहद ख्याल रखा करो तुम अपना, मेरी आम सी जिन्दगी मैं बोहोत ख़ास हो तुम,,,,,
अनजान बन कर मिले थे, पता ही नहीं चला कब जान बन गए,,,,,
किसी की आदत बनो, मोहब्बत अपने आप बन जाओगे ,,,,,
धड़कनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल अभी तो पलके झुकाई है मुश्कुराना बाकि है,,,,,
वो खूबसूरत तो बहुत है साहब, पर में शायर उनके साँवले रंग को देखकर बना था,,,,,
खूबसूरत तो मुझे वो बाद में लगी, पहले तो मुझे मोहब्बत हुई थी,,,,,
“गजब की दिवानगी है तुम्हारी मोहब्बत में, तुम हमारे नहीं फिर भी हम तुम्हारे हो गये,,,,,
जरुरी तो नहीं हर पल तेरे पास रहू मोहब्बत और इबादत दूर से भी की जाती है,,,,,