Complaint Status in Hindi
तुम्हारे नाम के निचे #Online नहीं, #Typing देखने को जी चाहता है ,,,,,
शिकायत करने से खामोश रहना बेहतर है, क्यूंकि जब किसीको फर्क नहीं पड़ता तो शिकायत कैसी ,,,,,
तेरे करीब आकर बडी उलझन में हूँ, मैं गैरों में हूँ या तेरे अपनो में हूँ ,,,,,
बहूत सवाल करती हो तुम, इतना प्यार ही कर लेती तो जवाब मिल जाते ,,,,,
ये सोचकर उसकी हर बात को सच मान लेते थे, की इतने खुबसूरत लब झूठ कैसे बोल सकते है ,,,,,
काश प्यार में भी कुछ कायदे होते, जब भी मैं चाहूँ और तुम मेरे करीब होते ,,,,,
हमें अच्छा नहीं लगता, तुम्हें कोई और अच्छा लगे ,,,,,
बहुत शौक है न तुझे बहस का, आ बैठ और बता मोहब्बत क्या है ,,,,,
ठहर जाते तो शायद मिल जाते हम तुम्हें, इश्क में इन्तजार किया करते है जल्दबाजी नहीं ,,,,,
हम तो इस वास्ते चुप है की कोई तमासा ना बने, तुम समजते हो की मुझे तुमसे गिला कुछ भी नहीं ,,,,,
एक पहेली है सुलझाओगे ? मेरे हो या नहीं ये बतलाओगे ,,,,,
जिन्दगी मिली भी तो है मुझे सिर्फ दो दिन की, ये दो दिन भी बीत रहे है उसको मनाने में ,,,,,
तुम्हें मालूम ही था की मैं तन्हा नहीं रह सकता, मेरे साथ रुक जाते मेरी आदत बदलने तक ,,,,,
काश बदल जाये ये वक़्त भी, और उसे जरूरत हो मेरी पहले की तरह ,,,,,
उधार रहा मुझ पर वो वक़्त तेरा, जब हुआ करता था तुझ पर सिर्फ हक़ मेरा ,,,,,
तुम हमें जान पाओ तुम्हें इतनी फुरसत कहाँ थी, और हम तुम्हें भुला पाते इतनी हममें जुररत कहाँ थी ,,,,,
आज तो बस साफ़ साफ़ बता दो, मेरा होना है या मुझे खोना है ,,,,,
जितना रूठना है आज रूठ ले पगली, जिस दिन हम रूठ गए… तू जिना भूल जायेगी ,,,,,
मेरी बेकरारी देखी है तूने कभी सब्र भी देख, मैं इतना खामोश हो जाऊँगी की तू चिल्ला उठेगा ,,,,,
आज उसने एक अजीब सवाल कर दिया मुझसे, मरते तो मुझ पर हो फिर जीते किसके लिए हो ,,,,,
ये तेरी आधी अधूरी मोहब्बत मुझे तकलीफ देती है, ना खुद मरती है और ना ही मेरी जान लेती है ,,,,,
जब रिश्तों में ग़लतफ़हमियाँ बढ़ जाए तो, सच्चा प्यार भी झूठा लगने लगता है ,,,,,
तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ्ज, जब हम प्यार की बातें तो क्या शिकायत भी नहीं करेंगे ,,,,,
क्यूँ कर रहे हो भला तुम बगावत खुद से, मान क्यों नहीं लेते की तुम्हे भी है मोहब्बत मुझसे ,,,,,
बहोत अहेसान है हम पे तुम्हारे, एक और कर देते होकर हमारे ,,,,,
दामन छुड़ा के आपको जाना ही था अगर, नजरे उठा के प्यार से देखा था किस लिए ,,,,,
वो मुझको भूलना चाहते है और मैं भी उनको, ऐ यादों अब भी तुमने आना-जाना क्यूँ लगा रखा है ,,,,,
मोहब्बत के ये पल जो लगता है तुम्हे सुकून के, बिछड़ने के बाद यही तुम्हारा सुकून छीन लेंगे ,,,,,
कभी तो मेरी ख़ामोशी का मतलब खुद समझ लो, कब तक वजह पूछोगे अंजानो की तरह ,,,,,
अंजान अगर हो तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते, पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नहीं जाते ,,,,,
अब मैं कोई भी बहाना नहीं सुनने वाला, तुम मेरा प्यार मुझे प्यार से वापस कर दो ,,,,,
अगर तुम्हे यकीन है तुम्हारे शक पर, तो हमें शक है तुम्हारे यकीन पर ,,,,,
मेरी जिंदगी के हर किस्से में जब तुम आते हो, सबसे मिलते हो पर मेरे हिस्से में क्यों नहीं आते हो ,,,,,
तुमने देखी ही नहीं हमारी फूलों जैसी वफा, हम जिस पर खिलते है उसी पर मुरझा जाते है ,,,,,
तेरा आधे मन से बात करना, मुझे पूरा तोड देता है ,,,,,
नजरअंदाज उन्हें कर सकू जो नजर के सामने हो, उनका क्या करू जो दिल में छुपे बैठे है ,,,,,
मेरी फ़ितरत में नहीं था तमाशा करना, बहुत कुछ जानते थे मगर ख़ामोश रहे ,,,,,
रोज ख्वाबों में जीती हूँ वो जिन्दगी, जो तेरे साथ मैनें हकीकत में सोची थी ,,,,,
हर एक बार मना लेते अगर तुम पास होते, हर एक खता की वजह बता देते अगर तुम साथ होती ,,,,,
मुश्किल का मेरी मुश्किल से उनको यकीन आया, समझे मेरी मुश्किल को लेकिन बड़ी मुश्किल से ,,,,,
नहीं है शिकवा तेरी बेरुखी का, शायद मुझे ही तेरे दिल में घर बनाना नहीं आया ,,,,,
उसके जैसी कोई और कैसे हो सकती है, और अब तो वो खुद भी अपने जैसी नहीं रही ,,,,,
सामने होते हुए भी तुझसे दूर रहना, बेबसी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी ,,,,,
रिश्ते टूट न जायें इस डर से बदल लिया है खुद को, अपनी ज़िद से ज्यादा रिश्तों को अहमियत दी है मैंने ,,,,,
मिलते है बहुत लोग जुबान को समझने वाले, काश कोई मिले जो धड़कनों को समझे ,,,,,
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ, जो कहती थी बहोत अच्छे से जानती हूँ तुझे ,,,,,
एक तू है जिसे परवाह नहीं मेरी, एक मैं हूँ जो परेशान तेरे लिए ,,,,,
काश कभी यूँ भी हो की बाजी पलट जाए, उसे याद सताए मेरी और मैं सुकून से सो जाऊं ,,,,,
जिन्दगी तो गुजर ही जाती है, मोहब्बत से गुजरे तो कितनी अच्छी बात है ,,,,,
मेरी किस्मत का भी कोई जवाब नहीं, जो अच्छा लगे वही भूल जाता है ,,,,,
मत छीन अपना नाम मेरे लब से इस तरह, इस बेनाम जिन्दगी में तेरा नाम ही तो है ,,,,,
बेखबर जमाना क्यूँ ऐतबार नहीं करता, तराजु में तौलकर तो कोई प्यार नहीं करता ,,,,,
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल का मोहताज बना दिया !!!!,,,, ,,,,,
कमाल है इश्क़ उसका भी, कहती है तेरी दुल्हन को में अपने हाथो से सजाऊँगी ,,,,,
अकेले ही काटना है मुझे जिन्दगी का सफ़र, पल दो पल साथ रहकर मेरी आदत ख़राब ना कर ,,,,,
बताओ फ़िर उसे क्यूँ नहीं महेसुस होती बैचेनिया मेरी, जो अक्सर केहती थी की बहुत अच्छे से जानती है वो मुझे ,,,,,
इसलिए भी खामोश रहने लगा हूँ मैं आजकल, क्योंकी उस पर मेरी बात का अब कोई असर नहीं होता ,,,,,
तेरे साथ बिता हुआ कल, भारी है मेरे आज पर ,,,,,
काश कभी ऐसा भी हुआ होता, मेरी कमी ने तुझको उदास किया होता ,,,,,
हम कोई छोटी सी कहानी नहीं थे, बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुमने ,,,,,
सूना था ख्वाब अपने होते है, लेकिन ये भी कमबख्त तेरे निकले ,,,,,
वास्ता नहीं रखना तो नजर क्यूँ रखते हो, किस हाल में हूँ ज़िंदा ये खबर क्यूँ रखते हो ,,,,,
ना वो मेरी तक़दीर में ना मैं उसकी किस्मत में, फिर भी ना जाने क्यूँ दिल उसे अपना बनाने की सोच में लगा रहता है ,,,,,
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग, जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है ,,,,,
चलो मान लिया की मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती, लेकीन ये बतायो तुम्हें दिल तोडना किसने सिखाया ,,,,,
उसको भी हमसे मुहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं, इश्क ही इश्क की किम्मत हो ज़रूरी तो नहीं ,,,,,
कैसे भूल सकता है कोइ किसीको, जब किसीको किसीकी आदत हो जाती है ,,,,,
बोला ना की तेरे बिना जी नहीं सकते हम, बस इसी बात का फायदा उठाते हो न तुम ,,,,,
चाँद सी सूरत जो रब ने दे दी थी तुमको, काश रौशन मेरी किस्मत का सितारा करते ,,,,,
देखो ज़माना हो गया मगर मेरी चाहत नहीं बदली, किसीकी ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली ,,,,,
आजकल बहुत नाराज़ रहते हो हमसे, कहीं हमारे मनाने के तरीके से मोहब्बत तो नहीं कर बैठे हो ,,,,,
उसके जैसी कोई दूसरी कैसे हो सकती है, अब तो वो खुद भी खुद के जैसी नहीं रही ,,,,,
सजा देना तो मुझे भी आता है, पर उसे तकलीफ पहुंचे ये हमें गँवारा नहीं ,,,,,
तुम्ही से रूठकर तुम्हे ही सोचते रहना, मुझे तो ठीक से नाराज होना भी नहीं आया कभी ,,,,,
हद से बढ़ गया है तेरा नज़र अदाज करना, ऐसा सलुक न करो की हम भुलने पे मजबुर हो जाये ,,,,,
मुझे रुसवा ना कर भरी महफ़िल में, बंद कमरे में चाहे क़त्ल कर दे मेरा ,,,,,
यही बहुत है की दिल उसको ढूँढ लाया है, किसीके साथ सही वो नज़र तो आया है ,,,,,
गुरुर-ए-हुस्न की मदहोशी में उनको ये भी खबर नहीं, कौन चाहेगा मेरे सिवा उनको उम्र ढल जाने के बाद ,,,,,
हमने हर बार बदला है खुद को सिर्फ़ उसके लिए, और वो कहता है की तुम पहले जैसे नहीं रहे ,,,,,
पता नहीं कब जायेगी तेरी लापरवाही की आदत, कुछ तो संभाल कर रखती, मुझे भी खो दिया ,,,,,
पगली इतने गुस्से से मत देख मुझे, मैं तुमसे प्यार करता हूँ दुश्मनी नहीं ,,,,,
इतनी भी मनमानियां अच्छी नहीं, आप सिर्फ अपने ही नहीं हमारे भी हो ,,,,,
तुम वह हो जिसको हम खोना नहीं चाहते, और हम वोह है जिसके तुम होना नहीं चाहते ,,,,,
शिकायत जिन्दगी से नहीं, उनसे है जो जिन्दगी में नहीं है ,,,,,
दुनिया चाँद तक पहुँच गयी और एक मैं हूँ, पता नहीं तुम्हारे दिल तक कब पहुँच पाऊं ,,,,,
पगली तू भी Freedom की तरह निकली, पसंद तो आ गई पर पता नहीं मिलेंगी भी या नहीं ,,,,,
मिलते है बहोत लोग जुबान को समझने वाले, काश कोई मिले जो धड़कन को भी समझे ,,,,,
सरेआम ये शिकायत है मुझे ज़िन्दगी से, क्यों मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से ,,,,,
तुमने सोचा ही नहीं, की कोई सोचता होगा तुम्हारे बारे में ,,,,,
यह मेरी सबसे बड़ी तमन्ना थी, काश वो भी मेरे नाम की तरह मेरे होते ,,,,,
एक तेरे बगैर ही ना गुजरेगी जिन्दगी, बता मैं क्या करू सारे जमाने की मोहब्बत लेकर ,,,,,
तुम तो कहते थे की हर शाम तेरे साथ गुजारेंगे, तुम बदल गए हो या तेरे शहर में अब शाम ही नहीं होती ,,,,,
शिकायत करने से खामोश रहना बेहतर है, क्यूंकि जब किसीको फर्क नही पड़ता तो शिकायत कैसी ,,,,,
काश कैद कर ले वो पगली मुझे अपनी डायरी में, जिसका नाम छिपा होता है मेरी हर शायरी में ,,,,,
खर्च कर दिया है खुद को पूरा साहब, वो कहता है की अभी हिसाब अधूरा है ,,,,,
हां मुझे मोहब्बत नहीं आती, तुम्हे आती है तो करते क्युं नहीं ,,,,,
हमे पता है की तुम कहीं और के मुसाफिर हो, हमारा शहर तो यूँ ही बिच में आया था ,,,,,
आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको, यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से ,,,,,
खामोशी की वजह बार बार पूछ रही थी, वजह बतायी तो खुद खामोश हो गई ,,,,,
यूँ तो कोई शिकवा नहीं मुझे अपनी जिंदगी से, मगर तुम मेरे होते तो आज जिंदगी कुछ और ही होती ,,,,,
सुन मेरी खबर न रखने वाले, फरवरी आ रही है मोहब्बत लेकर ,,,,,
काश कभी ऐसा भी हुआ होता, मेरी कमी ने तुझे उदास किया होता ,,,,,
बहाना कोई ना बनाओ तुम मुझसे खफा होने का, तुम्हें चाहने के अलावा कोई गुनाह नहीं है मेरा ,,,,,
किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम, हम आदते बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो ,,,,,
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना, यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना ,,,,,