Bewafa Status in Hindi
हम, वो प्यार भी अपना था और वो पसंद भी अपनी थी,,,,,
जब निकले मेरा जनाजा तो खिड़की से झांक लेना, फूल तो बहुत महंगा पड़ेगा पत्थर तो मार देना,,,,,
जो लड़कियां प्यार में बेवफा निकलती है, वो अक्सर अपने माँ बाप की वफादार होती है,,,,,
मुझे गम नहीं तेरी बेवफाई का, मैं मायूस हूँ बस अपनी वफ़ा से,,,,,
उसे तो नफ़रत थी बेवफा लोगों से, फिर कैसे अब खुद को संभाल रहा होगा वो,,,,,
कहीं तुम भी न बन जाना पन्ना किसी किताब का, लोग बडे गौर से पढ़ते है किस्से बेवफाओं के,,,,,
वो बेवफा अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना, वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं ,,,,,
शर्त भी अजीब रख दी उस बेवफा ने मिलने की, सूखे पत्तों पर चल कर आना और आवाज भी ना हो,,,,,
इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा, हुस्न पर क्या इतराना जो मेहमान है कुछ दिन का,,,,,
एक चेहरा पड़ा मिला आज रास्ते पर मुझे, ज़रूर किरदार बदलते वक़्त उसीका गिरा होगा ,,,,,
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी,,,,,
कोई बात नहीं गर तेरे लाख गुनाह हो, पर गुनाह ए बेवफाई काबिल ए माफ़ी नहीं,,,,,
कभी देखा है अंधे को किसीका हाथ पकड़कर चलते हुए, इस कदर मैंने मोहब्बत में तुझ पर भरोसा किया था ,,,,,
तुम्हें छोड़ दूं तो मर ना जाऊँ, कुछ इस तरह के थे वादे उस बेवफा के,,,,,
धोखा देना हर लड़की का काम होता है, मजबूरी तो बस छुपाने का नाम होता है ,,,,,
जब किया हमने सवाल ए वफा तो वो मुस्करा के बोले, हमने मोहब्बत ही कब की थी जो तुमसे वफा करते,,,,,
हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है, तुझे चाहा इसलिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये ,,,,,
तुम्ही ने लगा दिया इल्जाम ए बेवफाई मुझ पर, मेरे पास तो वफ़ा के गवाह भी सिर्फ तुम ही तो थे,,,,,
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो ए दोस्त, वरना मज़बूरी का नाम लेकर बेवफाई तो सभी करते ही है,,,,,
वफ़ा करनी भी सीखो इश्क़ की नगरी में ए दोस्त, फ़क़त यूँ दिल लगाने से दिलों में घर नहीं बनते ,,,,,
कैसे रखता मैं उस परिंदे को अपने दिल के पिंजरे में, उस बेवफा का तो शौक ही था डालियाँ बदलने का,,,,,
बनाई थी झोपड़ी मैंने भी इश्क की, तेरी बेवफाई की तेज बाढ़ ने उसे भी खंडन कर दिया,,,,,
नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ की दूकान से, हर चीज में मिलावट है बेवफाई की ,,,,,
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की, पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशें भी बेवफा निकली,,,,,
किसी को इतना भी न चाहो की भुला न सको, क्यूंकि ज़िंदगी, इन्सान और मोहब्बत तीनों बेवफा है ,,,,,
वादा दोनो ने किया जीना मरना साथ, कहीं जिस्म नीला हुआ कहीं पीले हाथ,,,,,
नाता हम दोनों का टूटा ही कब था, बस तूने ही कहीं और दिल लगा लिया,,,,,
ये कमबख्त दिल ही मेरा इश्क करने के काबिल नहीं, वरना मुजसे दिल लगा कर कोइ बेवफा क्यों हो जाता,,,,,
कब तक तेरी बेवफ़ाई को हादसा समझू, तूने तो शहर में मेरा तमाशा बना रखा है ,,,,,
वो मुझे भूल गई कोई गम नहीं है उसका, मुझको दुःख है की मेरी जिन्दगी का चिराग थी वो,,,,,
अगर दिल तोङने पर ईनाम मिलते तो, मेरी मेहबूबा मालामाल होती ,,,,,
आओ तुम्हे बिठा लूं फिर से इस दिल में, तू बेवफा है तो क्या हुआ, मेरी मोहब्बत भी तो है,,,,,
हम बेवफा है ये ऐलान कर देते है, चल तेरे काम को हम आसान कर देते है ,,,,,
दिल रो रहा है मगर होंठ मुस्कुरा रहे है, उस बेवफ़ा के प्यार को हम आज भी निभा रहे है,,,,,
मैंने उसे मेरे सच्चे प्यार में खुदा माना था, और उस बेवफा ने मेरे खुदा की तौहीन कर दी,,,,,
बहुत दिन हो गये मोहब्बत लफ्ज सुनकर, आज बेवफा सुना तो तुम याद आ गये,,,,,
ताजमहल को बनाना तो हमें भी आ गया है अब, कोई एक मुठ्ठी वफ़ा अगर ला दे तो हम काम शुरू करें,,,,,
मैं फिर से कर लूँगा मोहब्बत तुमसे, एक बात बताओ की इसबार वफ़ा कितने दिन तक करोगे ,,,,,
वो जिनकी आँखों में चमकते थे वफ़ा के मोती, यकिन मानो वो आँखे भी आज बेवफा निकली,,,,,
बेवफा होने की हजारों मजबूरियां गिना दी उसने, काश वफ़ा करने की भी कोई मज़बूरी होती ,,,,,
दर्द क्या होता है वो बेवफा क्या जाने, उसे तो हर कदम पर वफा ही मिलती है,,,,,
बेवफा तेरा मासुम चेहरा भुल जाने के काबिल नहीं, है मगर तु बहुत खुबसुरत पर दिल लगाने के काबिल नहीं ,,,,,
मेरे और तुम्हारे नजरिये में इतना फ़र्क़ था, तुम्हे वक़्त गुजारना था और मुझे ज़िन्दगी,,,,,
बेवफा हो गयी वो मेरे करीब होते ही, ऐ खुदा क्या गरीब इसांन वफा नहीं करता ,,,,,
हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे, कोइ तो आये एसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो ,,,,,
कौन सी स्याही और कौन सी कलम से लिखता होगा, जब वो खुदा किसी के नसीब में एक वेवफा लिखता होगा,,,,,
वो मेरा वहम था की वो मेरा हमसफ़र है, वो चलता तो मेरे साथ था लेकिन किसी और के लिए,,,,,
प्यार था, मोहब्बत थी, इश्क़ था और अदा थी, वफ़ा भी होती तो क़यामत था वो शख़्स,,,,,
सोच की अगर मैं तेरी तरह होता तो, तु कब की खुदकुशी कर गई होती ,,,,,,
कर सकता था मैं भी मोहब्बत तुमसे, पर सोचा की हसीन हो तो बेवफा भी होगी ही ,,,,,
मत गिरा अपने झूठे इश्क के आंसू मेरे जनाज़े पर,अगर तुझमे वफ़ा होती तो हम ज़िन्दगी से बेवफा न होते ,,,,,
सुना है आग लग गयी है बेवफाओं की बस्ती में, या खुदा मेरे मेहबुब की खैर रखना ,,,,,
दिल भर ही गया है तो मना करने में डर कैसा, मोहब्बत में बेवफओ पर कोई मुकदमा थोड़ी ना होता है ,,,,,
कोई नहीं याद करता वफ़ा करने वालों को, मेरी मानो तो बेवफ़ा हो जाओ ज़माना याद रखेगा ,,,,,
जिस कदर तुमने भुला रखा है कभी सोचना, हम सब छोड़कर निकले थे एक तेरी मोहब्बत के लिये ,,,,,
मैं गलत था शायद, आखिर था भी पहला प्यार, वो सही ही होगी, उसे पहले भी हुआ था कई बार,,,,,
भुला देंगे तुम्हे भी जरा सब्र तो कीजिये, आपकी तरह मतलबी होने में जरा वक्त लगेगा ,,,,,
वजह पूछी जो गिरगिट से उसकी उदासी की मैंने, तो बोला की मैं शर्त हार गया हूँ तेरे महबूब से रंग बदलने में,,,,,
अच्छा हुआ जो छोड़ दिया तुमने अपना बनाकर, भूल गई थी की और भी है चाहने वाले मेरे,,,,,
ऐ दोस्तों अपने जले हुए दिल की राख लेकर आया हूँ, ताबीज़ बना के रख लो ताकी कोई वेबफा से मुलाकात न हो ,,,,,
तोङ दिये है मैंने अपने घर के सभी आईने, नफरत है मुझे उनसे जो तुझसे मोहब्बत करते है ,,,,,
मुझे मालूम है की मैं उसके बिना ज़ी नहीं सकता, उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिए,,,,,
उस आशिक़ की मौत भी क्या मौत होगी, जो मर गया किसी बेवफा पे मरते मरते,,,,,
नहीं जानती क्या रिश्ता है तुझसे मेरा ऐ बेवफा, मन्नतों के हर धागे में एक गाँठ तेरे नाम की बाँधता हूँ मैं,,,,,
ना रोया कर सारी-सारी रात किसी बेवफा की याद में, वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी दुनिया उजाड़ कर,,,,,
दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा, मोहब्बत में बेवफाओं पर कहाँ मुकदमा होता है,,,,,
बदनसीब मैं हूँ या तू है ये तो वक़्त ही बतायेगा, बस इतना कहता हूँ की अब कभी लौट कर मत आना ,,,,,
काश की कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओ का, और वो मुझसे लिपट कर कहे की मेरा नाम मत लेना,,,,,
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते, बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते,,,,,
आज तक तूने जितने भी झूठ बोले उन में से, मैं सिर्फ तेरी हूँ ये line मेरी सबसे favourite है,,,,,
ना जाने किस कालेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने, की मुझसे किये सारे वादे फर्जी निकले,,,,,
आज भी दिल का हर एक कोना, तेरी मोहब्बत के वादो से भरा पङा है ,,,,,
ना रोया कर सारी-सारी रात किसी बेवफा की याद में, वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी दुनिया उजाड़ कर,,,,,
वफ़ा हम उनसे कुछ इस तरह निभाया करते थे, वो क़त्ल की सोचते थे मेरा और हम खंजर तोहफे में दिया करते थे,,,,,
इज़ाज़त हो तो कुछ अर्ज करूँ, खेल चुके हो तो दिल वापस कर दो,,,,,
दिल तो कहता है की छोड जाऊँ ये दुनिया हंमेशा के लिए, फिर ख्याल आता है की वो नफरत किससे करेगा मेरे जाने बाद,,,,,
मुझे मालुम है वह किसी और की हो गई है यारो, लेकिन इस दिल का क्या करे जो उसी बेवफा पे मरता है,,,,,
आता नहीं ख़याल अब अपना भी ऐ यारों, एक बेवफ़ा की याद ने सब कुछ भुला दिया,,,,,
हम गरीब लोग है किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे, एक मुस्कराहट थी वो भी बेवफ़ा लोगो ने छीन ली,,,,,
बेवफा लोग बढ़ रहे है धीरे धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए,,,,,
जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई बर्बाद कर देगी मुझे, तो उसने बड़े तल्ख लहजे में कहा की बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही,,,,,
खुदा ने पूछा क्या सजा दूँ उस बेफ़वा को, दिल से आवाज़ आई की मोहब्बत हो जाये उसे भी ,,,,,
ये तेरा वहम है की हम तुम्हे भूल जायेंगे, वो शहर तेरा होगा जहाँ बेवफा लोग बसा करते है ,,,,,