
Mother Status
धूप में काम करने निकला तो मां की,, आंचल ने दी छांव ,,एक मां ही मरहम बनी मेरी बाकी,,,,
सच यही शहर बदलने का ,,कि बाबा का डाटना याद आता है मुझे ,,घर में घुसने से पहले अक्सर ,,माँ का नज़र उतारना याद आता है मुझे,,,,
रुके तो चाँद जैसी है ,,चले तो हवाओं जैसी है ,,माँ ही है ,,,जो धूप में भी छाँव जैसी है,,,,